क्या पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में पोलियो का संकट बढ़ रहा है?

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क्या पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में पोलियो का संकट बढ़ रहा है?

सारांश

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में पोलियो का नया मामला सामने आया है। हाल की रिपोर्ट के अनुसार, 12 महीने के बच्चे में वायरस की पुष्टि हुई है, जिससे कुल मामलों की संख्या 30 हो गई है। यह स्थिति पोलियो उन्मूलन प्रयासों के लिए चिंता का विषय है।

Key Takeaways

  • पोलियो के मामलों में वृद्धि चिंता का विषय है।
  • पाकिस्तान में केवल 2 देश बचे हैं जहां पोलियो वायरस सक्रिय है।
  • पोलियो टीमों पर हमले कार्यक्रम को बाधित कर रहे हैं।
  • सुरक्षा चिंताएँ और जागरूकता की कमी प्रमुख चुनौतियाँ हैं।
  • समाज में सही जानकारी फैलाना आवश्यक है।

इस्लामाबाद, 21 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के तोरघर जिले में पोलियो का एक नया मामला सामने आया है, जिससे 2025 में अब तक पोलियो के कुल मामलों की संख्या बढ़कर 30 हो गई है। यह जानकारी इस्लामाबाद स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) की पोलियो लैब द्वारा दी गई है।

एनआईएच की रिपोर्ट के अनुसार, पोलियो वायरस एक 12 महीने के बच्चे में पाया गया है, जो तोरघर के गरी यूनियन काउंसिल का निवासी है।

इन पोलियो मामलों में सबसे अधिक 19 केस खैबर पख्तूनख्वा से हैं, जबकि 9 मामले सिंध से और एक-एक मामला पंजाब और पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बाल्टिस्तान से सामने आया है। यह स्थिति एक बार फिर से पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम पर चिंता खड़ी कर रही है, खासकर ऐसे समय में जब दुनिया के लगभग सभी देश पोलियो को पूरी तरह खत्म कर चुके हैं।

पाकिस्तान पोलियो प्रोग्राम ने सितंबर में पूरे देश के 87 जिलों से 127 सीवेज के नमूने इकट्ठा किए थे ताकि यह जांचा जा सके कि पोलियो वायरस कहां-कहां फैल रहा है। इनमें से 81 नमूनों में वायरस नहीं मिला, लेकिन 44 नमूनों में पोलियो वायरस की पुष्टि हुई है। दो सैंपल्स की रिपोर्ट अभी आना बाकी है। इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि पोलियो वायरस अब भी कई इलाकों में सक्रिय है और इसका खतरा खत्म नहीं हुआ है।

गौर करने वाली बात यह है कि वर्तमान में केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही दो देश हैं, जहां वाइल्ड पोलियो वायरस (प्राकृतिक रूप से फैलने वाला पोलियो वायरस) अब भी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है। पाकिस्तान में पोलियो उन्मूलन की कोशिशें कई सालों से चल रही हैं, लेकिन सुरक्षा से जुड़ी समस्याओं, लोगों की वैक्सीन को लेकर हिचकिचाहट और गलत जानकारियों के कारण ये प्रयास कई बार बाधित हुए हैं। 2024 में देश में 71 पोलियो केस सामने आए थे और उस वर्ष लगभग 90 जिलों में यह वायरस पाया गया था।

एक और बड़ी समस्या जो पोलियो अभियान के लिए गंभीर खतरा बनी हुई है, वह है पोलियो टीमों पर लगातार होने वाले हमले। हाल ही में 15 अक्टूबर को खैबर पख्तूनख्वा के निजामपुर इलाके में पोलियो टीम की सुरक्षा में तैनात एक पुलिस कांस्टेबल पर अज्ञात हमलावरों ने गोली चला दी। इस हमले में कांस्टेबल मकसूद की मौत हो गई। वह खैबर जिले के खेशगी गांव का निवासी था।

पुलिस के अनुसार, जब महिला स्वास्थ्यकर्मी एक घर में बच्चों को पोलियो की खुराक दे रही थीं, इस दौरान कांस्टेबल मकसूद पर हमला किया गया। हमलावर घटना के बाद भाग निकले।

इसके एक दिन पहले, 14 अक्टूबर को, स्वात जिले में भी इसी प्रकार का एक और दर्दनाक हादसा हुआ। वहां पोलियो टीम की सुरक्षा में तैनात एक कांस्टेबल को गोली मार दी गई। स्वात के जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) मुहम्मद उमर खान ने बताया कि जब अचानक हमला हुआ, तब वह कांस्टेबल भी दो महिला स्वास्थ्यकर्मियों के साथ अपनी ड्यूटी पर था।

Point of View

यह स्पष्ट है कि पोलियो के मामलों में वृद्धि केवल स्वास्थ्य की समस्या नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज की सुरक्षा और जागरूकता की भी समस्या है। हमें मिलकर इस संकट का सामना करना होगा और लोगों को सही जानकारी प्रदान करनी होगी।
NationPress
21/10/2025

Frequently Asked Questions

पाकिस्तान में पोलियो के मामले क्यों बढ़ रहे हैं?
पोलियो मामलों की वृद्धि के पीछे सुरक्षा चिंताएँ, वैक्सीनेशन के प्रति हिचकिचाहट और गलत जानकारी शामिल हैं।
पोलियो वायरस किस उम्र के बच्चों में पाया जा रहा है?
हाल ही में 12 महीने के बच्चे में पोलियो वायरस पाया गया है।
पाकिस्तान में पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम की स्थिति क्या है?
पाकिस्तान में पोलियो उन्मूलन प्रयास कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं, जिसमें हमले और समाज में जागरूकता की कमी शामिल हैं।
पोलियो वायरस का खतरा कब तक रहेगा?
जब तक पोलियो वायरस पूरी तरह से खत्म नहीं होता, तब तक खतरा बना रहेगा।
क्या अफगानिस्तान भी पोलियो से प्रभावित है?
जी हाँ, वर्तमान में केवल पाकिस्तान और अफगानिस्तान ही ऐसे देश हैं, जहां वाइल्ड पोलियो वायरस अभी भी मौजूद है।