क्या पंचायती राज मंत्रालय जमीनी स्तर पर ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए भाषिणी से जुड़ रहा है?

Click to start listening
क्या पंचायती राज मंत्रालय जमीनी स्तर पर ई-गवर्नेंस को बढ़ावा देने के लिए भाषिणी से जुड़ रहा है?

सारांश

पंचायती राज मंत्रालय और भाषिणी के बीच समझौता ज्ञापन का उद्देश्य जमीनी स्तर पर ई-गवर्नेंस को सशक्त बनाना है। इस सहयोग के माध्यम से भाषा तकनीक का उपयोग कर बहुभाषी सेवाओं का विस्तार किया जाएगा, जिससे अधिक नागरिकों को योजनाओं की जानकारी मिल सकेगी।

Key Takeaways

  • पंचायती राज मंत्रालय की नई पहल
  • भाषिणी के साथ समझौता ज्ञापन
  • जमीनी स्तर पर ई-गवर्नेंस का विस्तार
  • बहुभाषी सेवाओं का सशक्तिकरण
  • नागरिकों को अपनी भाषा में जानकारी

नई दिल्ली, 18 जून (राष्ट्र प्रेस)। पंचायती राज मंत्रालय ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण घोषणा की है कि यह, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नेशनल लैंग्वेज ट्रांसलेशन मिशन, भाषिणी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करेगा। इसका मुख्य उद्देश्य पंचायती राज शासन में अधिक समावेशिता और बेहतर पहुंच प्राप्त करना है, इसके लिए अत्याधुनिक एआई-पावर्ड लैंग्वेज टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा।

राष्ट्रीय राजधानी में, केंद्रीय पंचायती राज और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए जाएंगे।

यह पहल पंचायती राज मंत्रालय के डिजिटल प्लेटफॉर्म और आउटरीच प्रयासों में बहुभाषी पहुंच को बढ़ाने के लिए एक रणनीतिक सहयोग है।

इस पहल के माध्यम से, पंचायती राज की योजनाओं, कार्यक्रमों, संवादों और लाइव कार्यक्रमों में एडवांस्ड ट्रांसलेशन टेक्नोलॉजी का उपयोग करके नागरिकों की भागीदारी को बढ़ावा दिया जाएगा।

यह एक महत्वपूर्ण कदम है जो मंत्रालय के प्लेटफार्मों को बहुभाषी बनाने की दिशा में अग्रसर करेगा, जिससे विशेष रूप से निर्वाचित प्रतिनिधियों, अधिकारियों और ग्रामीण भारत के नागरिकों को अपनी मूल भाषाओं में योजनाओं और शासन प्रणालियों तक पहुंच प्राप्त हो सकेगी।

पंचायती राज मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि "समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर के साथ, यह साझेदारी पंचायती राज मंत्रालय के प्रमुख पोर्टलों पर भाषा पहुंच को बढ़ाएगी। साथ ही, पंचायती राज संस्थानों को सशक्त बनाने और जमीनी स्तर पर लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए एआई-इनेबल्ड पब्लिक डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग बढ़ाएगी।"

इस कार्यक्रम के अंतर्गत, ईग्रामस्वराज के साथ भाषिणी के इंटीग्रेशन को प्रदर्शित करने वाला एक विशेष डिजिटल लॉन्च वीडियो भी जारी किया जाएगा।

इस महीने की शुरुआत में, डिजिटल इंडिया भाषिणी डिवीजन और सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम्स ने प्रमुख सार्वजनिक रेलवे प्लेटफार्मों पर बहुभाषी एआई समाधानों के विकास और तैनाती पर सहयोग किया।

इस साझेदारी का उद्देश्य भाषिणी की अत्याधुनिक भाषा तकनीक को नेशनल ट्रेन इनक्वायरी सिस्टम और रेलमदद जैसे सीआरआईएस द्वारा प्रबंधित सिस्टम में एकीकृत करना है।

इससे नागरिकों को 22 भारतीय भाषाओं में महत्वपूर्ण रेलवे सेवाओं तक पहुंच प्राप्त होगी।

भाषिणी के अत्याधुनिक भाषा तकनीक में ऑटोमैटिक स्पीच रिकॉग्निशन (एएसआर), टेक्स्ट-टू-टेक्स्ट ट्रांसलेशन, टेक्स्ट-टू-स्पीच (टीटीएस) और ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (ओसीआर) शामिल हैं।

Point of View

यह समझौता भारतीय ग्रामीण क्षेत्रों में ई-गवर्नेंस को नई दिशा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल शासन में पारदर्शिता बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय नागरिकों को अपनी भाषा में जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलेगा, जिससे लोकतंत्र और अधिक सशक्त होगा।
NationPress
19/06/2025

Frequently Asked Questions

भाषिणी क्या है?
भाषिणी एक नेशनल लैंग्वेज ट्रांसलेशन मिशन है जो बहुभाषी सेवाओं को सशक्त बनाता है।
इस समझौते का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इस समझौते का उद्देश्य पंचायती राज में अधिक समावेशिता और बेहतर पहुंच सुनिश्चित करना है।
कौन से तकनीकी समाधान इसका हिस्सा हैं?
इसमें ऑटोमैटिक स्पीच रिकॉग्निशन, टेक्स्ट-टू-टेक्स्ट ट्रांसलेशन सहित कई आधुनिक तकनीकें शामिल हैं।