क्या पंचायती राज विभाग और छह विश्वविद्यालयों के बीच एमओयू ने ग्रामीण विकास में नई दिशा दी है?

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क्या पंचायती राज विभाग और छह विश्वविद्यालयों के बीच एमओयू ने ग्रामीण विकास में नई दिशा दी है?

सारांश

उत्तर प्रदेश के पंचायती राज विभाग ने छह विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं, जिससे 2026-27 में 750 ग्राम पंचायतों में विकास योजनाओं का क्रियान्वयन होगा। यह पहल ग्रामीण शासन को सशक्त बनाने और विश्वविद्यालयों की तकनीकी क्षमता को जोड़ने के लिए महत्वपूर्ण है।

Key Takeaways

  • नए एमओयू से ग्रामीण विकास को नई दिशा मिलेगी।
  • 75 जनपदों में 750 ग्राम पंचायतों में विकास योजनाएं लागू होंगी।
  • विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक क्षमता का उपयोग किया जाएगा।
  • इस पहल से स्थानीय शासन को सशक्त किया जाएगा।
  • कम लागत और बिना लागत वाली गतिविधियों पर जोर दिया जाएगा।

लखनऊ, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। उत्तर प्रदेश के पंचायती राज विभाग ने राज्य के छह प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ सोमवार को एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (आरजीएसए) के अंतर्गत वर्ष 2026-27 में 75 जनपदों की 750 ग्राम पंचायतों में मॉडल ग्राम पंचायत विकास योजनाएं (जीपीडीपी) तैयार की जाएंगी।

यह पहल ग्रामीण स्तर पर सतत विकास लक्ष्यों (एलएसडीजी) पर आधारित योजनाओं को सशक्त करने और विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक, अनुसंधानात्मकतकनीकी क्षमता को स्थानीय शासन से जोड़ने में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। कार्यक्रम का नेतृत्व पंचायती राज विभाग के निदेशक अमित कुमार सिंह ने किया।

इस अवसर पर बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू), अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू), डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय (आगरा), लखनऊ विश्वविद्यालय, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय (झांसी), और डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय (अयोध्या) के वरिष्ठ प्रोफेसर, विभागाध्यक्ष और कुलसचिव उपस्थित रहे।

निदेशक अमित कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय ग्राम पंचायतों से जुड़ाव योजनाओं की गुणवत्ता को बढ़ाएगा और यह ग्रामीण शासन को अधिक सशक्त, उत्तरदायी एवं जनोन्मुख बनाने में सहायक होगा। इस पहल का मुख्य उद्देश्य विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक, अनुसंधानात्मक एवं तकनीकी क्षमता को ग्राम पंचायत स्तर की योजना निर्माण प्रक्रिया से जोड़ना है, ताकि स्थानीय सतत विकास लक्ष्यों पर आधारित, समेकित एवं सहभागी योजनाएं तैयार की जा सकें।

सभी सहभागी विश्वविद्यालयों ने इस पहल के प्रति पूर्ण सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा कि यह साझेदारी ग्रामीण विकास की दिशा में ज्ञान एवं नीति के एकीकरण का उत्कृष्ट उदाहरण बनेगी। मॉडल जीपीडीपी के माध्यम से कम लागत और बिना लागत वाली गतिविधियों को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके जरिए ग्राम पंचायतों में सतत आजीविका, आधारभूत ढांचे का सुदृढ़ीकरण, महिलाओं और बच्चों के समग्र विकास को बढ़ावा मिलेगा।

कार्यक्रम में पंचायती राज विभाग के उपनिदेशक (पंचायत) व आरजीएसए नोडल अधिकारी मनीष कुमार, आरजीएसए टीम तथा एनआईआरडीपीआर के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

Point of View

जो न केवल ग्राम पंचायतों के लिए लाभकारी होगा, बल्कि देश के समग्र विकास में भी योगदान देगा।
NationPress
03/11/2025

Frequently Asked Questions

एमओयू का उद्देश्य क्या है?
एमओयू का उद्देश्य ग्राम पंचायतों में विकास योजनाओं को लागू करना और विश्वविद्यालयों की तकनीकी क्षमता का उपयोग करना है।
कब से क्रियान्वयन शुरू होगा?
क्रियान्वयन 2026-27 में शुरू होगा।
इसमें कौन से विश्वविद्यालय शामिल हैं?
इसमें बीएचयू, एएमयू, आगरा विश्वविद्यालय, लखनऊ विश्वविद्यालय, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, और डॉ. राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय शामिल हैं।
क्या यह पहल ग्रामीण विकास में सहायक होगी?
हाँ, यह पहल ग्रामीण विकास को सशक्त और उत्तरदायी बनाने में सहायक होगी।
क्या इस परियोजना का कोई विशेष फोकस है?
इस परियोजना का फोकस सतत आजीविका और आधारभूत ढांचे के सुदृढ़ीकरण पर है।