क्या खेल को राजनीति से दूर रखना चाहिए? : पप्पू यादव

सारांश
Key Takeaways
- खेल को राजनीति से अलग रखना चाहिए।
- पीएम मोदी का ट्वीट विवादित रहा।
- पप्पू यादव ने खेल को भाईचारे का प्रतीक बताया।
- ट्रॉफी लेने में खिलाड़ियों की अनुपस्थिति पर सवाल उठाए गए।
- महागठबंधन में सीट बंटवारे पर चर्चा जारी है।
पटना, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। हाल ही में एशिया कप में भारतीय क्रिकेट टीम की पाकिस्तान पर शानदार जीत ने पूरे देश में एक नई ऊर्जा का संचार किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि को लेकर ट्वीट कर भारतीय खिलाड़ियों को बधाई दी। वहीं, पूर्णिया सांसद पप्पू यादव ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पीएम मोदी को निशाने पर लिया।
पप्पू यादव ने पीएम मोदी के ट्वीट को शर्मनाक बताते हुए कहा कि इन ट्वीट्स में कोई लाज-शर्म नहीं रह गई है। जब भतीजे यानी अमित शाह के बेटे की कमाई का मामला आया, तब खेल का सहारा लिया और जीतने पर पाकिस्तान को गाली दे रहे हैं।
उन्होंने कहा कि खेल को सौहार्द्र और भाईचारे के प्रतीक के रूप में देखना चाहिए, न कि इसे राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल करना चाहिए। ऑपरेशन सिंदूर को खेल से जोड़ना भी गलत है। इस मामले में पीएम मोदी को ट्रंप से बातचीत करनी चाहिए।
एशिया कप में टीम इंडिया ने पाकिस्तान को हराया, लेकिन ट्रॉफी लेने के लिए भारतीय खिलाड़ी मैदान पर नहीं उतरे। इस पर भी पप्पू यादव ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि यह परंपरा उचित नहीं है और एसीसी के प्रमुख एवं पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के अध्यक्ष मोहसिन नकवी को ट्रॉफी लेने के लिए मैदान पर आना चाहिए था। उन्होंने कहा कि किसी भी भारतीय खिलाड़ी या भारत के प्रति अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और भारत सरकार को इस मामले में विरोध करना चाहिए।
गौरतलब है कि पाकिस्तान पर भारतीय क्रिकेट टीम की जीत को लेकर पीएम मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर ट्वीट कर खिलाड़ियों को बधाई दी। उन्होंने लिखा, "खेल के मैदान पर ऑपरेशन सिंदूर। नतीजा वही, भारत जीत गया! हमारे क्रिकेटरों को बधाई।"
वहीं, महागठबंधन के भीतर सीट बंटवारे को लेकर भी हलचल जारी है। पप्पू यादव ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि बिहार में कांग्रेस बहुत आगे है। यहां की जनता कांग्रेस पार्टी की ओर आशा भरी नजरों से देख रही है।