क्या पारकमनई चोरी मामले में एसआईटी ने आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश की?
सारांश
Key Takeaways
- एसआईटी ने रिपोर्ट पेश की है।
- अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
- रवि कुमार मुख्य आरोपी हैं।
- समझौता फार्मूला तय किया गया था।
- पुनः जांच की मांग की गई है।
अमरावती, 2 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। श्री वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर, तिरुमला में हुई पारकमनई चोरी की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट में प्रस्तुत की। यह रिपोर्ट एसआईटी के प्रमुख और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) रवि शंकर अय्यनार द्वारा सीलबंद लिफाफे में अदालत को सौंपी गई। हाईकोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को करेगा。
यह जांच तब शुरू की गई थी, जब हाईकोर्ट ने लोक अदालत में पारकमनई चोरी मामले को निपटाने के खिलाफ दायर याचिका पर आदेश जारी किया। अप्रैल 2023 में तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के कर्मचारी रवि कुमार को पारकमनई (सिक्कों और नोटों की गिनती केंद्र) से 920 अमेरिकी डॉलर चोरी करते हुए पकड़ा गया था।
यह मामला बाद में लोक अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां सितंबर 2023 में समझौता फार्मूला तय किया गया। रवि कुमार ने चोरी के मामले के निपटान के बदले टीटीडी के नाम पर तिरुपति और चेन्नई में स्थित 40 करोड़ रुपये मूल्य की सात संपत्तियां दान करने की पेशकश की थी।
इसके बाद याचिकाकर्ता मचेरला श्रीनिवास ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोप लगाया कि मामले में उचित जांच के बजाय टीटीडी के तत्कालीन संचालन बोर्ड ने समझौते के नाम पर प्रकरण बंद करा दिया। उन्होंने मामले की पुनः जांच की मांग की।
अक्टूबर में जांच शुरू करने के बाद एसआईटी ने पूर्व टीटीडी अध्यक्ष बी. करुणाकर रेड्डी, वाई. वी. सुब्बा रेड्डी, पूर्व टीटीडी कार्यकारी अधिकारी धर्मा रेड्डी समेत कई टीटीडी और पुलिस अधिकारियों से पूछताछ की।
वाईएसआरसीपी संसदीय दल के नेता और पूर्व टीटीडी अध्यक्ष वाई. वी. सुब्बा रेड्डी 28 नवंबर को एसआईटी के सामने पेश हुए थे। चोरी के मामले के लोक अदालत में निपटारे और संपत्तियों के दान के समय वे ही टीटीडी अध्यक्ष थे।
वहीं, पूर्व विधायक और पूर्व टीटीडी अध्यक्ष करुणाकर रेड्डी 25 नवंबर को एसआईटी के समक्ष उपस्थित हुए थे। चोरी का मामला दर्ज होने के समय वे टीटीडी बोर्ड के प्रमुख थे।