क्या पारुल सिंह ने राजनाथ सिंह से पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप के लिए मुलाकात की?

सारांश
Key Takeaways
- चैंपियनशिप का आयोजन 27 सितंबर से 5 अक्टूबर 2025 तक होगा।
- 100 से अधिक देशों के खिलाड़ी भाग लेंगे।
- यह भारत का सबसे बड़ा पैरा-स्पोर्ट्स टूर्नामेंट होगा।
- रक्षा मंत्री ने सहयोग का आश्वासन दिया।
- यह आयोजन समावेशिता को बढ़ावा देगा।
नई दिल्ली, 11 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली राज्य पैरा ओलंपिक समिति की अध्यक्ष पारुल सिंह ने शुक्रवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से उनके निवास पर भेंट की। इस आगामी वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2025 के बारे में विस्तार से चर्चा की गई।
पारुल सिंह ने रक्षा मंत्री को बताया कि यह ऐतिहासिक चैंपियनशिप 27 सितंबर से 5 अक्टूबर 2025 के बीच जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम, नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी। उन्होंने मंत्री को इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने का न्योता भी दिया।
यह भारत में अब तक का सबसे बड़ा पैरा-स्पोर्ट्स टूर्नामेंट होगा, जिसमें 100 से अधिक देशों के 1,000 से ज्यादा खिलाड़ी 186 पदक स्पर्धाओं में भाग लेंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने न केवल इस आयोजन में शामिल होने की स्वीकृति दी, बल्कि यह भी आश्वासन दिया कि रक्षा मंत्रालय और इसके स्वास्थ्य कार्यक्रम इस आयोजन को सफल बनाने के लिए हर संभव सहयोग और संसाधन उपलब्ध कराएंगे।
उन्होंने पारुल सिंह के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि दिल्ली पैरा ओलंपिक समिति के नेतृत्व में यह वैश्विक आयोजन न केवल खेल की दृष्टि से, बल्कि समावेशिता के दृष्टिकोण से भी ऐतिहासिक बन जाएगा। सरकार इस आयोजन की सफलता में पूर्ण सहयोग देगी।
पारुल सिंह ने मंत्री के समर्थन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “रक्षा मंत्री से मिला यह समर्थन हमारे लिए न सिर्फ आत्मविश्वास बढ़ाने वाला है, बल्कि यह भारत की खेल संस्कृति में एक समावेशी बदलाव का संकेत भी है।”
इससे पहले पारुल सिंह ने 7 जुलाई को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी मुलाकात कर आयोजन में राज्यों के सहयोग पर चर्चा की थी। उन्होंने मुख्यमंत्री को भगवान राम और माता सीता की पारंपरिक चित्रकला भेंट की थी, जो देश की सांस्कृतिक एकता का प्रतीक है।
रक्षा मंत्रालय का यह समर्थन वर्ल्ड पैरा एथलेटिक्स चैंपियनशिप को एक नई ऊर्जा और दिशा प्रदान करता है। पारुल सिंह के नेतृत्व और केंद्र व राज्यों के समन्वय से यह आयोजन न केवल खेल कौशल का प्रदर्शन करेगा, बल्कि भारत के पैरा-एथलीट्स को वैश्विक मंच पर पहचान दिलाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।