क्या पटना में जदयू कार्यालय के बाहर महिलाओं ने विकास की गंगा बहाने का संकल्प लिया?
सारांश
Key Takeaways
- महिलाएं अब बिहार की राजनीति में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
- एनडीए की बढ़त ने उत्साह का संचार किया है।
- नीतीश कुमार की योजनाओं ने महिलाओं को सशक्त किया है।
- जंगल राज का अंत और विकास की नई लहर।
- समर्थकों का जश्न विकास की दिशा में एक संकेत है।
पटना, 14 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। पटना में शुक्रवार को जदयू कार्यालय के बाहर का माहौल रंगीन और उत्साह से भरा हुआ था। ढोल की थाप पर महिला कार्यकर्ता नाचते और गाते दिखाई दिए। चुनावी रुझानों में एनडीए को मिली जबरदस्त बढ़त से खुश महिलाओं ने नतीजे घोषित होने से पहले ही जश्न मनाना शुरू कर दिया।
जैसे ही चुनाव आयोग ने मतगणना के रुझान दिए, महिला समर्थक बड़ी संख्या में पार्टी कार्यालय पहुंचने लगीं। उन्होंने एक-दूसरे को गुलाल लगाकर बधाई दी।
महिला समर्थकों ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब राजनीति के समीकरण बदल चुके हैं। एक महिला ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "लालू राज में 'एमवाई' का मतलब था मुस्लिम और यादव, लेकिन अब बिहार में 'महिला और युवा' फैक्टर है। आज की जीत इसी बदले हुए माहौल की पहचान है।"
एक अन्य महिला समर्थक ने कहा, "आज की जीत विकास की जीत है। यह जीत हर उस महिला की है जिसे नीतीश कुमार ने सशक्त बनाया।"
जदयू कार्यालय में मौजूद एक महिला ने कहा, "हम सभी यहां एक-दूसरे को बधाई देने आए हैं। आज हमारे लिए होली भी है और दीपावली भी। यह पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार की नेतृत्व क्षमता का परिणाम है।"
एक महिला ने कहा, "नीतीश कुमार रोजमर्रा के जीवन को छूने वाली योजनाएं लेकर आए। महिलाओं को सम्मान मिला, उन्हें सशक्त बनाया गया। युवाओं को रोजगार मिला। बिहार का जो भी विकास हुआ है, वह नीतीश कुमार के कारण हुआ है।"
उन्होंने आगे कहा, "नीतीश कुमार वोट की चिंता नहीं करते, वे वोटर्स की चिंता करते हैं। वह सच में विकास पुरुष हैं।"
एक महिला समर्थक ने कहा, "हम इसलिए ज्यादा खुश हैं क्योंकि बिहार से जंगल राज का अंत हो चुका है।"
वहीं एक महिला समर्थक ने कहा, "बिहार की बहनों ने जंगल राज को खत्म किया है। अब बिहार में सिर्फ विकास की गंगा बहेगी। यह जीत एनडीए की एकता का प्रतीक है।" इस दौरान कई महिलाएं जीत के गीत गाती नजर आईं।