क्या पटना साहिब विधानसभा में युवा प्रत्याशियों के बीच दिलचस्प मुकाबला होगा?
सारांश
Key Takeaways
- पटना साहिब में युवा प्रत्याशियों की एंट्री से चुनावी मुकाबला दिलचस्प हो गया है।
- भाजपा ने नंदकिशोर यादव को टिकट नहीं दिया।
- शशांत शेखर ने नौकरी छोड़कर समाज सेवा को चुना।
- युवाओं की प्राथमिकता यातायात और जलजमाव की समस्या का समाधान है।
- इस बार मतदाता अपनी आवाज उठाने के लिए तैयार हैं।
पटना, 3 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार विधानसभा चुनाव का प्रचार तेज़ी से चल रहा है। सभी राजनीतिक दलों के प्रमुख नेता अपने उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित करने के लिए क्षेत्र में सक्रिय हैं और मतदाताओं को आकर्षित करने में लगे हुए हैं। इस बीच, पटना जिले के पटना साहिब विधानसभा क्षेत्र में भाजपा नेता और विधानसभा अध्यक्ष नंदकिशोर यादव के चुनावी क्षेत्र से दूर होने के कारण मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है।
इस चुनाव में पटना साहिब की सीट खास चर्चा में है, क्योंकि भाजपा नेता नंदकिशोर यादव पिछले सात बार विधायक रह चुके हैं। 2020 में विधायक बनने के बाद वे बिहार विधानसभा के स्पीकर बने, लेकिन इस बार भाजपा ने अनुभवी नेता का टिकट काटकर नए चेहरे रत्नेश कुशवाहा को मौका दिया है।
हालाँकि, नंदकिशोर यादव एनडीए की ओर से भाजपा के लिए चुनाव प्रचार कर रहे हैं, उनकी अनुपस्थिति ने मुकाबले को दोनों गठबंधनों के बीच कड़ा बना दिया है। इस चुनाव में कांग्रेस ने युवा शशांत शेखर को मैदान में उतारा है।
शशांत शेखर ने आईआईटी दिल्ली और आईआईएम कोलकाता से शिक्षा ग्रहण की है। उन्हें जर्मनी की एक कंपनी से 1.25 करोड़ का पैकेज मिला था, लेकिन उन्होंने उसे ठुकरा दिया। नौकरी छोड़कर वे पटना लौट आए और सामाजिक सेवा को चुना है। फिलहाल, वे पटना के पास खुशरुपुर में डेयरी फार्म चला रहे हैं। पटना साहिब क्षेत्र में सक्रिय शशांत शेखर और रत्नेश कुशवाहा के आने से मुकाबला युवा प्रत्याशियों का हो गया है।
भाजपा नेता शिशिर कुमार भी इस क्षेत्र से चुनावी मैदान में थे, लेकिन बाद में उन्होंने एनडीए के प्रत्याशी को समर्थन देने का ऐलान किया है। पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र में 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने इस अभेद्य किले को सुरक्षित रखा था। उस चुनाव में नंदकिशोर यादव का सीधा मुकाबला इंडियन नेशनल कांग्रेस के उम्मीदवार प्रवीण सिंह से था। इस कांटे की टक्कर में भी यादव ने अपनी पकड़ बनाए रखी और भारी मतों से जीत हासिल की।
कांग्रेस के प्रत्याशी शशांत शेखर का कहना है कि आज पढ़े-लिखे लोगों का राजनीति में आना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि उनकी प्राथमिकता पटना साहिब है और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाना है। उनका दावा है कि यहाँ के युवाओं का जोरदार समर्थन उन्हें मिल रहा है। उन्होंने कहा कि यहाँ की यातायात व्यवस्था और जलजमाव की समस्या का समाधान करना उनकी प्राथमिकता होगी। पटना को टॉप सिटी बनाकर वे अपने प्रदेश को कुछ देना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि नौकरी तो कहीं भी मिल सकती है, लेकिन अपनी जन्मभूमि पर जो प्यार मिल रहा है, उससे वे अभिभूत हैं।
भाजपा के प्रत्याशी रत्नेश कुशवाहा का कहना है कि उनका प्रयास भाजपा के इस अभेद्य किले को और मजबूत करना है। उन्होंने कहा कि सर्व समाज का आशीर्वाद मिल रहा है। एनडीए सरकार में हुए विकास को देखकर लोग मतदान करेंगे। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी पटना में रोड शो किया है।