क्या आसियान सदस्य देशों के साथ बातचीत में तेजी लाने की उम्मीद है?: पीयूष गोयल

Click to start listening
क्या आसियान सदस्य देशों के साथ बातचीत में तेजी लाने की उम्मीद है?: पीयूष गोयल

सारांश

केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने मलेशिया के मंत्री के साथ बैठक में आसियान-भारत व्यापार समझौते की समीक्षा पर चर्चा की। उन्होंने निष्पक्ष व्यापार और संतुलित विकास के लिए बातचीत को तेज करने की उम्मीद जताई। जानें इस महत्वपूर्ण बैठक की पूरी जानकारी।

Key Takeaways

  • पीयूष गोयल ने मलेशिया के मंत्री के साथ बैठक की।
  • आसियान-भारत व्यापार समझौते की समीक्षा की गई।
  • निष्पक्ष व्यापार और संतुलित विकास पर जोर दिया गया।
  • द्विपक्षीय व्यापार 121 बिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है।
  • व्यापार और निवेश के अवसरों में वृद्धि की उम्मीद।

नई दिल्ली, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि मलेशिया के निवेश, व्यापार और उद्योग मंत्री तजफरुल अजीज के साथ उनकी एक सार्थक बैठक हुई, जिसमें उन्होंने आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौते (एआईटीआईजीए) की चल रही समीक्षा पर चर्चा की।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने लिखा, "निष्पक्ष व्यापार और संतुलित विकास सुनिश्चित करने के लिए आसियान सदस्य देशों के साथ बातचीत में तेजी लाने की उम्मीद है।"

उन्होंने आगे कहा, "हमने दोनों देशों के बीच व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) पर भी चर्चा की।"

मलेशिया आर्थिक मामलों पर आसियान का भारत का परमानेंट कोऑर्डिनेटर है।

इस सप्ताह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रियो डी जेनेरियो में आयोजित ब्रिक्स समिट के दौरान मलेशियाई समकक्ष अनवर बिन इब्राहिम से भी मुलाकात की, जिसमें अन्य मुद्दों के साथ आसियान-भारत मुक्त व्यापार समझौते की समीक्षा पर भी चर्चा की गई थी।

एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रधानमंत्री मोदी ने आसियान के सफल नेतृत्व के लिए मलेशिया को बधाई दी और आसियान-भारत व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए उसके निरंतर समर्थन का स्वागत किया, जिसमें आसियान-भारत मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की समीक्षा को शीघ्र और सफलतापूर्वक पूरा करना भी शामिल है।

एआईटीआईजीए दस आसियान सदस्य देशों (ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम) और भारत के बीच एक व्यापार समझौता है। इसका उद्देश्य व्यापार को सुगम बनाने के लिए शुल्क और गैर-शुल्क बाधाओं को कम करना है।

यह समझौता 2009 में हस्ताक्षरित हुआ था और 1 जनवरी, 2010 को एक व्यापक आर्थिक सहयोग समझौते (सीईसीए) के फ्रेमवर्क के हिस्से के रूप में लागू हुआ।

एआईटीआईजीए भौतिक वस्तुओं के व्यापार पर केंद्रित है और सेवाओं के व्यापार को कवर नहीं करता है, जिनका उल्लेख 2014 में हस्ताक्षरित एक अलग समझौते में किया गया है।

एआईटीआईजीए ने भारत और आसियान के बीच व्यापार को बढ़ाने में योगदान दिया है, जिससे 2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार 121 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया है।

यह समझौता भारत और आसियान के बीच अधिक आर्थिक एकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इसकी समीक्षा से व्यापार और निवेश के अवसरों में और वृद्धि होने की उम्मीद है।

Point of View

यह बैठक भारत और आसियान के बीच व्यापारिक संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी भी मजबूत होगी।
NationPress
23/07/2025

Frequently Asked Questions

आसियान-भारत वस्तु व्यापार समझौता क्या है?
यह एक व्यापार समझौता है जो भारत और दस आसियान सदस्य देशों के बीच व्यापार को सुगम बनाने के लिए बना है।
इस समझौते का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य शुल्क और गैर-शुल्क बाधाओं को कम करना है।
क्या एआईटीआईजीए सेवाओं के व्यापार को कवर करता है?
नहीं, एआईटीआईजीए केवल भौतिक वस्तुओं के व्यापार पर केंद्रित है।
इस समझौते की समीक्षा से क्या अपेक्षाएँ हैं?
इसकी समीक्षा से व्यापार और निवेश के अवसरों में वृद्धि की उम्मीद है।
2023-24 में द्विपक्षीय व्यापार का अनुमान कितना है?
इस साल द्विपक्षीय व्यापार 121 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।