क्या पीएम मोदी के मन की बात के 126वें एपिसोड के बाद कुछ कहना बाकी रह गया?

सारांश
Key Takeaways
- पीएम मोदी का 'मन की बात' कार्यक्रम हर बार नई जानकारियों से भरपूर होता है।
- संतोष पांडे का कहना है कि मोदी के भाषण के बाद बोलने के लिए कुछ नहीं बचा।
- छठ पूजा पर संस्कृति और त्योहारों का महत्व बढ़ाने पर जोर दिया गया।
- आरएसएस ने आपातकाल के दौरान महत्वपूर्ण कार्य किए।
- लता मंगेशकर और भगत सिंह को याद किया गया।
रायपुर, 28 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' के 126वें एपिसोड पर भाजपा सांसद संतोष पांडे ने कहा कि पीएम के भाषण के बाद उनके पास कुछ कहने के लिए कोई विषय नहीं बचा। उन्होंने छठ पूजा, शहीद भगत सिंह, और स्वर कोकिला लता मंगेशकर के बारे में जो बातें कहीं, उसके बाद मैं क्या कह सकता हूं।
संघ की सराहना करते हुए भाजपा सांसद ने कहा कि आपातकाल के समय सभी नेता जेल में थे या भूमिगत थे, तब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने बिना किसी प्रचार के महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने कहा कि यह केवल आपातकाल के दौरान नहीं, बल्कि आजादी के बाद जब विभाजन हुआ, तब भी संघ ने सराहनीय कार्य किया।
पीएम मोदी के छठ पूजा को लेकर दिए बयान पर भाजपा सांसद ने कहा कि वे चाहते हैं कि हमारी संस्कृति और त्योहारों को महत्व मिले और वे आगे बढ़ें। पांडे ने पीएम के इस दृष्टिकोण की सराहना की।
उन्होंने कहा कि आज स्वर कोकिला लता मंगेशकर की जयंती है, जिनके सामने पूरा देश नतमस्तक है। उन्होंने सरदार भगत सिंह को याद करते हुए कहा कि उनकी वजह से ही आज हम यहां खड़े हैं। राष्ट्र उनके प्रति कृतज्ञता व्यक्त करता है।
संतोष पांडे ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि पीएम मोदी के जनप्रिय कार्यक्रम मन की बात के 126 वें संस्करण को सुना। 'मन की बात' कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा देश के जन-जन की उपलब्धियों और आकांक्षाओं की सूक्ष्मता से चर्चा करना हर बार एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 'मन की बात' कार्यक्रम के 126वें एपिसोड के जरिए देशवासियों को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत शहीद भगत सिंह और स्वर कोकिला लता मंगेशकर को श्रद्धांजलि अर्पित करके की। उन्होंने मन की बात कार्यक्रम में आस्था का महापर्व छठ पूजा का भी जिक्र किया। इसके अलावा पीएम मोदी ने संघ की तारीफ की।
उन्होंने सूर्यदेव को समर्पित छठ महापर्व बिहार की सांस्कृतिक परंपरा का भव्य और दिव्य उत्सव है। मुझे यह बताते हुए अत्यंत प्रसन्नता हो रही है कि हमारी सरकार इस महापर्व को यूनेस्को की सांस्कृतिक धरोहर की सूची में शामिल कराने के प्रयासों में जुटी है।