क्या पीएम मोदी ने किसानों के हित में अमेरिका को कड़ा संदेश दिया? : गुरनाम सिंह चढूनी

सारांश
Key Takeaways
- किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है।
- भारत किसानों के अधिकारों के लिए खड़ा है।
- अमेरिका को सख्त संदेश भेजने की आवश्यकता है।
- गुरनाम सिंह चढूनी का महत्वपूर्ण बयान।
- किसानों के आर्थिक हितों का संरक्षण।
कुरुक्षेत्र, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के निर्णय की कड़ी निंदा की है और इसे अत्यंत निंदनीय बताया।
किसान नेता ने शुक्रवार को राष्ट्र प्रेस से बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान की सराहना की, जिसमें उन्होंने गुरुवार को दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में कहा था कि हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है।
पीएम मोदी ने स्पष्ट किया कि भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों के साथ कभी भी समझौता नहीं करेगा, और उन्होंने कहा, "मुझे व्यक्तिगत रूप से बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं। मेरे देश के किसानों, मछुआरों और पशुपालकों के लिए आज भारत तैयार है।" उन्होंने किसानों की आय बढ़ाने, खेती पर खर्च कम करने और आय के नए स्रोत विकसित करने के लक्ष्यों पर निरंतर काम करने का आश्वासन दिया।
किसान नेता ने कहा कि पीएम मोदी द्वारा किसानों के प्रति अपनाया गया रुख प्रशंसा के योग्य है। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी को अमेरिका के खिलाफ और भी कड़ा रुख अपनाना चाहिए ताकि ट्रंप को यह संदेश जाए कि भारत झुकने वाला नहीं है। उन्होंने विश्वास दिलाया कि पीएम मोदी जो भी निर्णय लेंगे, हम उनके साथ हैं।
गुरनाम सिंह चढूनी ने भारत में निवास करने वाले लोगों से अपील की कि हमें अमेरिका को सबक सिखाने के लिए एकजुट होकर अमेरिकी कंपनियों से सामान खरीदना बंद करना चाहिए। जब हम उनके उत्पादों का बहिष्कार करेंगे, तब अमेरिका को एक सख्त संदेश मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि अमेरिका, व्यापार वार्ता की शुरुआत से ही भारत के कृषि और डेयरी क्षेत्र में प्रवेश करने की मांग कर रहा है। भारत ने पहले ही स्पष्ट शब्दों में कह दिया है कि वह कृषि और डेयरी सेक्टर के लिए कोई समझौता नहीं करेगा। पीएम मोदी के किसानों के हित में आए बयान का किसानों की ओर से समर्थन किया गया है।