क्या पीएम मोदी ने बीदरी कला को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई?

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क्या पीएम मोदी ने बीदरी कला को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घाना के राष्ट्रपति को बीदरी कला का एक अनमोल उपहार भेंट किया है। यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है और कर्नाटक की बीदरी कला को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिला रहा है। कलाकारों की खुशी और गर्व का यह क्षण भारत की पारंपरिक कलाओं की महत्ता को दर्शाता है।

Key Takeaways

  • बीदरी कला को अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है।
  • पीएम मोदी का उपहार कर्नाटक की सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करता है।
  • यह उपहार भारत और घाना के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करता है।
  • बीदरी के कारीगरों का गर्व और खुशी इस घटना का मुख्य आकर्षण है।
  • बीदरी कला का इतिहास ५०० साल पुराना है।

बीदर, १३ जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपनी विदेश यात्रा के दौरान घाना के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और स्पीकर को विशेष उपहार दिए। इसका परिणाम कर्नाटक की बीदरी कला की पहचान को नई ऊंचाई पर पहुंचाने में हुआ है। रविवार को बीदरी के कलाकारों ने पीएम मोदी से मिली इस नई पहचान पर खुशी व्यक्त की।

अपनी विदेश यात्रा के दौरान, पीएम मोदी ने घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा को ५०० साल पुराना पारंपरिक बीदरी बर्तन भेंट किया, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है। बहमनी सल्तनत के काल में शुरू हुई बीदरी कला ने अब वैश्विक पहचान प्राप्त कर ली है। उन्होंने एक पारंपरिक बीदरी वेयर फूलदान भी भेंट किया।

बीदर के एक कलाकार ने राष्ट्र प्रेस से कहा, "यह देखकर कि हमारी बनाई हुई चीज को ऐसे ऊंचे स्तर पर प्रदर्शित किया जा रहा है, हमें गर्व का अनुभव होता है। इतना प्रसिद्धि तक पहुँचने का ज्ञान हमें अभिभूत और भावुक कर देता है। हालाँकि, इसे बनाने वाले कारीगरों को पूरी पहचान नहीं मिलती, लेकिन यह जानकर खुशी होती है कि हमारी कलाकृति एक महान व्यक्तित्व को भेंट की गई है।"

एक अन्य कलाकार ने कहा, "मुझे अत्यधिक खुशी हुई कि हमारे प्रधानमंत्री ने घाना के राष्ट्रपति को बीदरी वेयर फूलदान भेंट किया। यह सचमुच गर्व की बात है। हमारे देश में कई पारंपरिक कलाएं हैं, और उनमें से, विदेशों में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए बीदरी कला को चुनना हमारे लिए बहुत खुशी की बात है।"

यह उल्लेखनीय है कि पीएम मोदी हमेशा विदेशी गणमान्य व्यक्तियों को विशेष उपहार देकर सम्मानित करते हैं। इस बार, ३० साल बाद, उन्होंने घाना का दौरा किया और वहां के राष्ट्रपति को ५०० साल पुराने प्राचीन हस्तशिल्प से बना बीदरी वेयर फूलदान भेंट किया। यह भारत और घाना के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने के साथ ही भारत और कर्नाटक की प्राचीन कला के प्रसार का प्रतीक है।

यह शिल्प, जो बहमनी सुल्तानों के शासनकाल के दौरान फारसी कला से शुरू हुआ, यहाँ के कारीगरों द्वारा पांच शताब्दियों से जारी है।

Point of View

यह घटना न केवल कर्नाटक की बीदरी कला की पहचान को बढ़ावा देती है, बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक धरोहर को भी वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करती है। प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम हमें हमारे कला और संस्कृति के प्रति गर्वित करता है।
NationPress
21/07/2025

Frequently Asked Questions

बीदरी कला क्या है?
बीदरी कला एक पारंपरिक भारतीय शिल्प है जो बीदर, कर्नाटक में विकसित हुआ है। यह कला ५०० साल पुरानी है और इसमें धातु के बर्तनों पर बारीक नक्काशी की जाती है।
पीएम मोदी ने घाना के राष्ट्रपति को क्या उपहार दिया?
पीएम मोदी ने घाना के राष्ट्रपति को ५०० साल पुराना पारंपरिक बीदरी बर्तन और एक बीदरी वेयर फूलदान भेंट किया।
बीदरी कला का इतिहास क्या है?
बीदरी कला का विकास बहमनी सल्तनत के दौरान हुआ और यह फारसी कला से प्रेरित है।
इस उपहार का क्या महत्व है?
यह उपहार भारत और घाना के बीच सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने का प्रतीक है और बीदरी कला की वैश्विक पहचान को बढ़ावा देता है।
बीदरी कला के कारीगरों की पहचान कैसे की जाती है?
अक्सर बीदरी कला के कारीगरों को उनकी मेहनत के अनुरूप पहचान नहीं मिलती, लेकिन इस प्रकार के उपहार उन्हें गर्वित करते हैं।