क्या मायावती ने मानसून सत्र से पहले जनहित और देशहित पर चर्चा की अपील की?

सारांश
Key Takeaways
- मायावती ने सरकार और विपक्ष से जनहित और देशहित पर चर्चा की अपील की।
- महंगाई, गरीबी और बेरोजगारी जैसे मुद्दों का समाधान आवश्यक है।
- संसद का सत्र ठोस नीतियों का निर्माण करने का अवसर है।
- सरकार और विपक्ष को मिलकर काम करना चाहिए।
- देश और जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है।
लखनऊ, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती ने संसद के मानसून सत्र के आरंभ से पहले अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर देश और जनता के महत्वपूर्ण मुद्दों पर सार्थक चर्चा की अपील की है।
उन्होंने सरकार और विपक्ष से पार्टी के स्वार्थों को किनारे रखकर देश और जनता के हित में एकजुट होने का अनुरोध किया। उनका कहना है कि यह सत्र महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, महिला सुरक्षा, आंतरिक और सीमा सुरक्षा जैसे गंभीर मुद्दों पर ठोस नीतियों का निर्माण करने का अवसर है।
मायावती ने आशंका व्यक्त की कि पिछले सत्रों की तरह इस बार भी संसद में सरकार और विपक्ष के बीच टकराव, हंगामा और आरोप-प्रत्यारोप हो सकते हैं, जिससे जनता के लिए 'अच्छे दिन' की उम्मीदों को धक्का पहुँच सकता है।
उन्होंने कहा कि देश की जनता महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, क्षेत्रीय और भाषाई विवादों, हिंसक टकराव और अपर्याप्त सुविधाओं से जूझ रही है। इन समस्याओं का समाधान करने के लिए संसद में सार्थक बहस और दीर्घकालिक नीतियों का निर्माण आवश्यक है, ताकि देश विकास की दिशा में आगे बढ़ सके और सभी वर्गों का कल्याण हो।
उन्होंने वैश्विक राजनीतिक और आर्थिक परिवर्तनों के संदर्भ में कहा कि लोकतंत्र और संप्रभुता के सामने नई चुनौतियाँ उभर रही हैं। इनका सामना करने के लिए सरकार को विपक्ष और जनता को विश्वास में लेकर एकजुटता से काम करना होगा। मायावती ने जोर देकर कहा कि सरकार और विपक्ष को पार्टी के स्वार्थों को छोड़कर देशहित में एकता दिखानी चाहिए।
उन्होंने पहलगाम नरसंहार और 'ऑपरेशन सिन्दूर' पर चर्चा की मांग की, यह कहते हुए कि सरकार को इस मुद्दे पर सकारात्मक रुख अपनाना चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि देश और सीमाओं की सुरक्षा सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है, लेकिन विपक्ष को भी इस मामले में सहयोग करना चाहिए। देश और जनता की सुरक्षा सर्वोपरि है, और इसके लिए सरकार और विपक्ष दोनों को मिलकर काम करना होगा।
उन्होंने यह उम्मीद जताई कि यह सत्र जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरेगा और संसद सुचारू रूप से चलकर देश के विकास और लोगों की प्रगति के लिए ठोस कदम उठाएगी।