क्या तेजस्वी ने मतदाता सूची पुनरीक्षण पर बहस की मांग की और सरकार को चेतावनी दी?

सारांश
Key Takeaways
- तेजस्वी यादव ने मतदाता पुनरीक्षण पर चर्चा की मांग की है।
- विपक्ष ने सरकार को चेतावनी दी है।
- बिहार विधानसभा का मानसून सत्र हंगामेदार होने की संभावना है।
- गरीब और अल्पसंख्यक वर्गों के वोटरों के नाम हटाए जा रहे हैं।
- सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा करनी होगी।
पटना, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में विधानसभा चुनावों से पहले मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान के खिलाफ विपक्ष ने मोर्चा खोल दिया है। बिहार विधानमंडल के सोमवार से आरंभ हो रहे मानसून सत्र के पहले दिन विपक्ष के प्रदर्शन से स्पष्ट है कि यह सत्र हंगामेदार होगा और एसआईआर मुख्य मुद्दा बनेगा।
विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने मतदाता पुनरीक्षण पर बहस कराने की मांग की है। उन्होंने विधानमंडल परिसर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए कहा कि महागठबंधन के विधायकों की एक महत्वपूर्ण बैठक हाल ही में हुई, जिसमें एक बड़ा निर्णय लिया गया।
तेजस्वी यादव ने स्पष्ट रूप से कहा कि हम सभी की विधानसभा अध्यक्ष से मांग है कि मतदाता पुनरीक्षण पर विधानसभा में चर्चा कराई जाए। लोकतंत्र का सबसे बड़ा मंदिर बिहार विधानसभा है। यदि यहीं से लोकतंत्र को समाप्त करने की कोशिश की गई, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। हम संसद से लेकर सड़क तक लड़ाई लड़ेेंगे। हम गरीबों के अधिकारों की रक्षा करेंगे।
उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में जानबूझकर गरीब, दलित, पिछड़े और अल्पसंख्यक वर्गों के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं ताकि उन्हें चुनाव में वोट डालने से रोका जा सके। यदि चर्चा नहीं हुई, तो कल बड़े पैमाने पर इसका विरोध किया जाएगा।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि सरकार हमारी मांगें नहीं मानती है, तो आने वाला समय उनके लिए कठिन होगा। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे पर विपक्ष के सभी नेताओं को पत्र लिखा गया है। संसद में भी इसे मजबूती से उठाया जा रहा है। बिहार में भी हम इस मुद्दे को मजबूती से उठाएंगे। सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा करनी पड़ेगी। उन्होंने कानून व्यवस्था के मुद्दे पर भी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि हम सभी मुद्दों को सदन में उठाएंगे।