क्या पीएम मोदी ने कहा ये 'गौरवपूर्ण सत्र'?

सारांश
Key Takeaways
- रेणुका चौधरी ने पीएम मोदी के बयान पर सवाल उठाया।
- ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर सरकार का दावा।
- आर्थिक स्थिति पर भी चिंता व्यक्त की गई।
- संसद में आम जनता की आवाज उठाने का महत्व।
- राजनीतिक दलों के बीच एकता का आह्वान।
नई दिल्ली, 21 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। कांग्रेस सांसद रेणुका चौधरी ने पीएम मोदी के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि यह मानसून सत्र इसलिए विशेष है क्योंकि ऑपरेशन सिंदूर में भारत को बड़ी जीत मिली है। रेणुका चौधरी ने स्पष्ट किया, "यह तो एक सच्चाई है कि सौ बार झूठ बोला जाए तो लोग उसे सच मानने लगते हैं। लेकिन यह भारत देश है और हमारे देशवासी इतने भोले नहीं हैं। वे सवाल पूछ रहे हैं। हमारी जिम्मेदारी है कि हम उनके सवालों के जवाब मांगें। हम संसद में इसलिए आते हैं ताकि आम जनता की आवाज को यहां उठा सकें।"
उन्होंने आगे कहा, "हम सवाल कर रहे हैं। आप कहते हैं कि आपका स्ट्राइक रेट सौ प्रतिशत है, लेकिन आपने किया क्या? आप किस उपलब्धि का दावा कर रहे हैं? जो कुछ हुआ, वह हमारे वीर जवानों ने किया। कम से कम आप मानसून सत्र में यह तो कह सकते हैं कि मैं हमारे वीर जवानों को सलाम करता हूं, जिन्होंने देश का गौरव बढ़ाया। लेकिन आप बार-बार कहते हैं 'हमने किया, हमने किया।' अच्छा, तो बताइए आपने क्या किया? वे चार आतंकवादी कहां हैं?"
रेणुका ने तंज कसते हुए कहा, "जवाब दीजिए। ये सब डायलॉगबाजी बाद में कर लेंगे। सरकार कह रही है कि वह सभी मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है और सभी सवालों का जवाब देगी। तो फिर विशेष सत्र क्यों नहीं बुलाया जाता? अगर आज विशेष सत्र बुला लिया जाए, तो बात खत्म हो सकती है। हम आज भी सत्र चलाना चाहते हैं, क्योंकि हम चाहते हैं कि जवाब मिले।"
उन्होंने आर्थिक स्थिति पर भी सवाल उठाए, "आप कहते हैं कि हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं। हां, बस दस दिन और रुक जाइए। जब रुपया दिन-ब-दिन गिर रहा है, तब यह सब कैसे होगा? जब किसानों को उनकी फसलों का उचित दाम मिलेगा, जब बेरोजगारी कम होगी, तब हम मानेंगे कि कुछ हुआ है।"
वहीं, भारतीय जनता पार्टी के नेता एस.पी. सिंह बघेल ने कहा कि राष्ट्रीय एकता, भाईचारा और देशहित हमेशा सर्वोपरि होने चाहिए। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए प्रधानमंत्री ने सशस्त्र बलों और जवानों को बधाई दी है। साथ ही, उन्होंने विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को विदेश भेजकर सराहनीय कदम उठाया, जिन्होंने निष्पक्षता और निर्भीकता के साथ अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत का पक्ष रखा। इससे विश्व जनमत भारत के पक्ष में और पाकिस्तान के खिलाफ हुआ।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि उनके राज्य में कानून-व्यवस्था की स्थिति भाजपा शासित राज्यों से बेहतर है। इस पर बघेल ने कहा कि ममता बनर्जी का यह बयान तथ्यों से परे है। उन्होंने कहा कि भाजपा शासित राज्यों, खासकर उत्तर प्रदेश में, कानून-व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। बघेल ने ममता बनर्जी से सवाल किया कि वे अपनी सरकार की उपलब्धियों को स्पष्ट करें और बंगाल में कानून-व्यवस्था की वास्तविक स्थिति पर जवाब दें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ और सहयोगी दलों की सराहना पर केंद्रीय मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑपरेशन सिंधु की सफलता की तारीफ की है और एनडीए के सभी घटक दलों ने भी इसका समर्थन किया है। हमारे सांसदों के समूह (जिसमें विपक्षी दलों के नेता भी शामिल थे) ने विदेशों में जाकर ऑपरेशन सिंदूर की सफलता, हमारे प्रधानमंत्री के निर्णय और हमारी सेना के शौर्य की सराहना की। सभी ने मिलकर भारत का पक्ष अंतरराष्ट्रीय मंच पर मजबूती से रखा।"
उन्होंने प्रधानमंत्री के उस बयान का भी समर्थन किया जिसमें उन्होंने कहा था कि भले ही दल अलग हों, लेकिन जब देश की बात हो तो सभी को एकजुट होकर दिल से दिल मिलाना चाहिए। जाधव ने कहा, "जब देश की बात आती है, तो कोई दल, पक्ष या विपक्ष मायने नहीं रखता। देश के लिए सभी को एकजुट होकर समर्पित भावना के साथ खड़ा होना चाहिए।"
पश्चिम बंगाल की कानून-व्यवस्था की स्थिति पर बोलते हुए भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने कहा कि भाजपा शासित राज्यों में दंगाइयों के साथ सख्ती से निपटा जाता है, लेकिन पश्चिम बंगाल में जब मुर्शिदाबाद में दंगे हुए, तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वहां जाकर दंगाइयों से हाथ जोड़कर दंगे रोकने की अपील की। उन्होंने तंज कसते हुए कहा, "क्या हाथ जोड़कर दंगे रोके जा सकते हैं? दंगे रोकने के लिए सख्ती बरतनी पड़ती है, लेकिन ममता बनर्जी ने सिर्फ हाथ जोड़कर दंगे रोकने की कोशिश की। ममता बनर्जी के कानून व्यवस्था पर जितना बोला जाए उतना कम है।