क्या पीएम मोदी और पुतिन के बीच फोन पर हुई बातचीत से द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे?

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क्या पीएम मोदी और पुतिन के बीच फोन पर हुई बातचीत से द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे?

सारांश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच टेलीफोन पर हुई बातचीत ने द्विपक्षीय संबंधों को एक नया आयाम दिया है। इस संवाद में यूक्रेन संकट पर चर्चा हुई, और दोनों नेताओं ने आपसी सहयोग बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई। क्या इस वार्ता से भारत-रूस संबंधों में नई मजबूती आएगी?

Key Takeaways

  • प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन के बीच टेलीफोन वार्ता हुई।
  • यूक्रेन संकट पर चर्चा की गई।
  • भारत-रूस के विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई गई।
  • भारत आने के लिए राष्ट्रपति पुतिन को आमंत्रित किया गया।
  • द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाए रखने के लिए निरंतर संवाद आवश्यक है।

नई दिल्ली, 8 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ टेलीफोन पर संवाद किया।

इस बातचीत में राष्ट्रपति पुतिन ने प्रधानमंत्री मोदी को यूक्रेन से संबंधित हालिया घटनाक्रमों की जानकारी दी। प्रधानमंत्री मोदी ने विस्तार से जानकारी साझा करने के लिए राष्ट्रपति पुतिन का आभार व्यक्त किया और भारत की यह स्थायी नीति दोहराई कि संघर्ष का समाधान केवल शांतिपूर्ण संवाद और कूटनीति के माध्यम से ही किया जाना चाहिए।

दोनों नेताओं ने भारत-रूस के विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। साथ ही, आपसी द्विपक्षीय एजेंडे की प्रगति की समीक्षा भी की।

प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन को भारत आने का आमंत्रण दिया है, जब 23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित होगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर भी बातचीत की जानकारी साझा करते हुए लिखा, “मेरे मित्र राष्ट्रपति पुतिन से एक बहुत ही अच्छी और विस्तृत बातचीत हुई। यूक्रेन को लेकर हालिया घटनाक्रम साझा करने के लिए उनका आभार व्यक्त किया। हमने द्विपक्षीय एजेंडे की प्रगति की समीक्षा की और भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और सुदृढ़ करने की प्रतिबद्धता दोहराई। इस वर्ष के अंत में भारत में राष्ट्रपति पुतिन की मेज़बानी की प्रतीक्षा है।”

ज्ञात हो कि रूस के राष्ट्रपति की आखिरी भारत यात्रा 6 दिसंबर, 2021 को हुई थी, जब वह 21वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए नई दिल्ली आए थे।

वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले वर्ष रूस के दो अहम दौरे किए। जुलाई में उन्होंने 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में भाग लिया और फिर अक्टूबर में कजान में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भी हिस्सा लिया।

इन दौरों और बैठकों से यह स्पष्ट होता है कि दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाए रखने के लिए निरंतर संपर्क में हैं।

Point of View

हमें यह स्पष्ट समझना होगा कि भारत और रूस के संबंधों को बनाए रखना अत्यंत आवश्यक है। दोनों देशों के बीच निरंतर संवाद और सहयोग से न केवल द्विपक्षीय संबंध मजबूत होंगे, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी एक सकारात्मक संदेश जाएगा।
NationPress
22/09/2025

Frequently Asked Questions

पीएम मोदी और पुतिन के बीच क्या चर्चा हुई?
बातचीत में यूक्रेन संकट और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा हुई।
भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन कब है?
23वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन इस वर्ष के अंत में आयोजित होगा।