क्या पुतिन संग बैठक में पीएम मोदी ने भारत-रूस के संबंधों को फिर से मजबूत किया?

सारांश
Key Takeaways
- भारत और रूस के बीच घनिष्ठ सहयोग महत्वपूर्ण है।
- द्विपक्षीय बैठक में यूक्रेन संघर्ष पर चर्चा हुई।
- शांति और स्थिरता के लिए दोनों देशों का सहयोग आवश्यक है।
तियानजिन, 1 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय बैठक की। पीएम मोदी ने कहा कि भारत और रूस का घनिष्ठ सहयोग विश्व में शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
चीन के तियानजिन में द्विपक्षीय बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा, "मुझे हमेशा लगता है कि आपके साथ मिलना एक यादगार अनुभव होता है। हमें कई मुद्दों पर चर्चा करने का अवसर मिला है। हम लगातार संपर्क में हैं। दोनों देशों के बीच नियमित रूप से उच्च-स्तरीय बैठकें होती रही हैं। हमारे 23वें शिखर सम्मेलन के लिए 140 करोड़ भारतीय आपकी प्रतीक्षा कर रहे हैं। यह हमारे विशेष संबंध की गहराई और व्यापकता को दर्शाता है।"
पीएम मोदी ने भारत और रूस के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों पर जोर देते हुए कहा कि कठिन परिस्थितियों में भी दोनों देश हमेशा एक-दूसरे के साथ खड़े रहे हैं। हमारा सहयोग न केवल दोनों देशों के लिए, बल्कि विश्व में शांति, समृद्धि और स्थिरता के लिए आवश्यक है।
द्विपक्षीय बैठक के दौरान पीएम मोदी ने कहा, "हम यूक्रेन में चल रहे संघर्ष पर लगातार चर्चा करते रहे हैं। हाल में हम शांति के सभी प्रयासों का स्वागत करते हैं। हमें उम्मीद है कि सभी पक्ष रचनात्मक रूप से आगे बढ़ेंगे। हमें संघर्ष को समाप्त करने और स्थायी शांति स्थापित करने का रास्ता खोजना होगा। यह पूरी मानवता की पुकार है।"
इससे पहले, पीएम मोदी और राष्ट्रपति पुतिन शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के समापन के बाद एक ही कार में द्विपक्षीय बैठक के लिए पहुंचे।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर फोटो शेयर करते हुए लिखा, "एससीओ शिखर सम्मेलन के बाद मैं और राष्ट्रपति पुतिन साथ में द्विपक्षीय बैठक के स्थान पर गए। उनके साथ बातचीत हमेशा ज्ञानवर्धक होती है।"