क्या वंदे मातरम को हमें सम्मान देना चाहिए: डी. राजा?
सारांश
Key Takeaways
- वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर सम्मान जरूरी है।
- प्रधानमंत्री मोदी ने भाषण में कांग्रेस और नेहरू को निशाना बनाया।
- भाजपा की संकुचित मानसिकता पर डी. राजा की टिप्पणी।
- आजादी की लड़ाई में भाकपा का योगदान महत्वपूर्ण था।
- राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ का इतिहास।
नई दिल्ली, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। भाकपा महासचिव डी. राजा ने सोमवार को वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में दिए गए भाषण पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त की।
उन्होंने समाचार एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा कि निस्संदेह इस बात को नकारा नहीं किया जा सकता कि वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर इसे सम्मान देना आवश्यक है। इसके ऐतिहासिक महत्व को उजागर किया जाना चाहिए, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को सुनकर ऐसा लगा कि उन्होंने इस खास अवसर को भी कांग्रेस और पूर्व प्रधानमंत्री पंडित नेहरू पर निशाना साधने का मंच बना दिया। हम अब इस प्रकार की स्थिति को अपने देश में किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते।
डी. राजा ने आगे कहा कि इस खास मौके पर भी भाजपा ने कांग्रेस और पंडित नेहरू को आड़े हाथों लेकर अपनी संकुचित मानसिकता का परिचय दिया है। यह मानसिकता हमारे देश के हित में नहीं है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इन लोगों का देश की आजादी में कोई भी योगदान नहीं रहा है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना 1925 में हुई थी और उसी वर्ष हमारी पार्टी की भी स्थापना हुई थी। उस समय हमारी पार्टी देश को औपनिवेशिक शासन से मुक्त कराने की दिशा में अग्रिम पंक्ति में थी। हमारी पार्टी ने देश को आजाद करने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगा दी थी।
उन्होंने कहा कि आजादी की लड़ाई में सबसे पहले हमारी पार्टी ने पूर्ण स्वराज का नारा दिया था, जबकि आरएसएस के लोग मूकदर्शक बने रहे। इन लोगों ने आज तक देश की आजादी में कोई योगदान नहीं दिया। कभी भी औपनिवेशिक शासन के खिलाफ मोर्चा नहीं खोला और भाजपा इसी आरएसएस की राजनीतिक अनुषांगिक संगठन है। अब भाजपा के लोग आपातकाल का जिक्र करके कांग्रेस पर निशाना साध रहे हैं। मैं एक बात स्पष्ट कर दूं कि आपातकाल का हमने भी विरोध किया था, लेकिन आज का प्रमुख मुद्दा आपातकाल नहीं है। मैं इस विषय की पूरी वस्तुस्थिति को स्पष्ट कर देता हूं।