क्या बीएनपी ने जमात-ए-इस्लामी पर 'धर्म का कार्ड' खेलने का आरोप लगाया?

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क्या बीएनपी ने जमात-ए-इस्लामी पर 'धर्म का कार्ड' खेलने का आरोप लगाया?

सारांश

बांग्लादेश की राजनीति में तनाव के बीच बीएनपी ने जमात-ए-इस्लामी पर धर्म का कार्ड खेलने का आरोप लगाते हुए कहा है कि जनता अब इस पार्टी को पहचान चुकी है। जानिए इस राजनीतिक संघर्ष की पूरी कहानी।

Key Takeaways

  • बीएनपी ने जमात पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
  • धर्म का कार्ड खेलना समाज में विभाजन पैदा कर सकता है।
  • 1971 का इतिहास इस संघर्ष को और महत्वपूर्ण बनाता है।

ढाका, 8 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले बांग्लादेश की राजनीति में तनाव बढ़ता जा रहा है। इस परिस्थिति में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने सोमवार को कट्टरपंथी इस्लामवादी पार्टी जमात-ए-इस्लामी पर अप्रत्यक्ष हमला करते हुए कहा कि देश की जनता उस समूह को पहचान चुकी है, जो धर्म का कार्ड खेलकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहा है। इस संदर्भ में स्थानीय मीडिया ने रिपोर्ट प्रकाशित की है।

बीएनपी के वरिष्ठ नेता सलाहुद्दीन अहमद ने ढाका में पार्टी के एक कार्यक्रम के दौरान कहा, “लोग एक ऐसी पार्टी को पहचान चुके हैं, जिसके पास न कोई नीति है, न कोई आदर्श, न कोई योजना। यह पार्टी धर्म के नाम पर जनता को धोखा देने की कोशिश कर रही है। इसका असली चेहरा उजागर हो चुका है।”

जमात पर अप्रत्यक्ष तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि एक राजनीतिक दल दावा करता है कि उनके चुनाव चिन्ह को वोट देने से जन्नत मिल सकती है।

उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “जो लोग बिना प्रयास के जन्नत में जाना चाहते हैं, उन्हें पहले उसका बस स्टेशन ढूंढ लेना चाहिए। जनता इन बातों को समझती है। यह पार्टी बिना किसी विचारधारा के राष्ट्र को धोखा दे रही है और धर्म की ‘गोलियां’ बेच रही है।”

इससे पहले रविवार को बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारीक रहमान ने भी जमात पर उनके खिलाफ दुष्प्रचार फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की जनता जानती है कि 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध के दौरान जमात ने कैसे राजनीतिक फायदे के लिए लाखों लोगों की हत्या की और महिलाओं को प्रताड़ित किया।

ढाका में आयोजित इसी कार्यक्रम में वर्चुअली संबोधित करते हुए तारीक रहमान ने आरोप लगाया कि जमात लोगों को झूठे वादों से बहका रही है, जिसमें वोट के बदले ‘जन्नत की गारंटी’ जैसी बातें शामिल हैं।

उन्होंने कहा, “आजकल अलग-अलग जगहों और सोशल मीडिया पर कुछ लोग कहते हैं कि हमने उस पार्टी को देखा और इस पार्टी को देखा, अब इस पार्टी (जमात) को मौका दीजिए। लेकिन देश की जनता इस पार्टी को 1971 में अच्छी तरह देख चुकी है। वे न केवल लाखों लोगों की हत्याओं के जिम्मेदार हैं, बल्कि उनके सहयोगियों ने अनेकों माताओं और बहनों का अपमान भी किया। इसे कभी नहीं भूलना चाहिए।”

Point of View

हमारा दृष्टिकोण यह है कि राजनीतिक दलों को अपने विचारों और कार्यों में पारदर्शिता रखनी चाहिए। धर्म का उपयोग राजनीतिक लाभ के लिए करना न केवल नैतिक रूप से गलत है, बल्कि यह समाज में विभाजन भी पैदा कर सकता है। जनता को इस विषय में जागरूक रहना चाहिए।
NationPress
08/12/2025

Frequently Asked Questions

बीएनपी ने जमात पर क्या आरोप लगाया?
बीएनपी ने जमात-ए-इस्लामी पर आरोप लगाया है कि वे धर्म का कार्ड खेलकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं।
क्या जमात-ए-इस्लामी के खिलाफ कोई ऐतिहासिक मामला है?
हाँ, 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध के दौरान जमात ने राजनीतिक फायदे के लिए लाखों लोगों की हत्या की थी।
यह राजनीतिक संघर्ष क्यों महत्वपूर्ण है?
यह संघर्ष बांग्लादेश की राजनीति में धर्म और राजनीति के मिश्रण के खिलाफ जनता की जागरूकता को दर्शाता है।
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