क्या मोहाली में पोस्ट ऑफिस घोटाले में संजीव कुमार और उनके सहयोगियों के खिलाफ ईडी ने कार्रवाई शुरू की?

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क्या मोहाली में पोस्ट ऑफिस घोटाले में संजीव कुमार और उनके सहयोगियों के खिलाफ ईडी ने कार्रवाई शुरू की?

सारांश

मोहाली में ईडी ने पोस्ट ऑफिस घोटाले में संजीव कुमार और उनके साथियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। जानिए कैसे संजीव ने सरकारी धन का दुरुपयोग किया और इस घोटाले का विस्तृत विवरण।

Key Takeaways

  • संजीव कुमार का सरकारी धन का दुरुपयोग
  • फर्जी बचत खातों का खुलासा
  • ईडी द्वारा सख्त कार्रवाई
  • भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों में पारदर्शिता की आवश्यकता
  • धन की हेराफेरी का विस्तृत विवरण

मोहाली, २४ नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। मोहाली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पोस्ट ऑफिस घोटाले को लेकर एक महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। जालंधर जोनल ऑफिस के ईडी ने २१ नवंबर २०२५ को मोहाली में प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए), २००२ के तहत स्पेशल कोर्ट में पूर्व सब पोस्टमास्टर संजीव कुमार और अन्य संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट दाखिल की है। यह मामला पोस्ट ऑफिस, जालंधर में सार्वजनिक धन के बड़े पैमाने पर दुरुपयोग और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित जांच से जुड़ा हुआ है।

ईडी ने यह जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। इस एफआईआर में संजीव कुमार और अन्य आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत गंभीर आरोप लगाए गए थे।

ईडी की जांच में यह सामने आया कि संजीव कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए ५४ फर्जी बचत खाते खोले, जिससे सरकारी खजाने को लगभग ३.४० करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। इसके साथ ही, उसने ४१ सेविंग्स अकाउंट में हेरफेर कर २.७९ करोड़ रुपए की हानि पहुंचाई और ५१ रिकरिंग डिपॉजिट (आरडी) अकाउंट में हेरफेरी कर १.५० करोड़ रुपए की रकम निकाल ली।

जांच में यह भी पता चला कि उसने ग्राहकों के पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) और टर्म डिपॉजिट खातों में गड़बड़ी कर १.८९ करोड़ रुपए का दुरुपयोग किया। इस प्रकार, संजीव कुमार ने लगभग ८.४८ करोड़ रुपए के सरकारी फंड धोखे से निकाल लिए।

ईडी के अनुसार, यह अवैध फंड कैश के रूप में और उन कई बैंक खातों के माध्यम से निकाले गए, जिन्हें आरोपी स्वयं और उसके सहयोगी नियंत्रित करते थे। एजेंसी ने खुलासा किया कि इस अपराध के जरिये पैदा की गई कमाई (पीओसी) का इस्तेमाल संजीव कुमार और उसके साथियों द्वारा आलीशान जीवनशैली, जुआ खेलने, व्यक्तिगत खर्चों और अचल संपत्तियों की खरीद में किया गया।

जांच से यह भी सामने आया कि संजीव कुमार ने सजनी बाला और केवल कृष्ण के नाम से कई खाते खोलकर उनका इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग गतिविधियों के लिए किया। इन खातों को वह खुद संचालित करता था।

इस मामले में ईडी पहले ही २१ मार्च २०२५ के प्रोविजनल अटैचमेंट ऑर्डर के तहत सजनी बाला और केवल कृष्ण के नाम पर बैंक बैलेंस और संपत्तियों सहित कुल ४२ लाख रुपए अटैच कर चुका है, जिसे बाद में एडजुडिकेटिंग अथॉरिटी द्वारा पुष्टि प्रदान की गई।

Point of View

यह मामला न केवल आर्थिक अपराध की गंभीरता को दर्शाता है, बल्कि यह भी स्पष्ट करता है कि सरकारी संस्थानों में पारदर्शिता और जवाबदेही कितनी महत्वपूर्ण है। ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई आवश्यक है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

ईडी ने संजीव कुमार के खिलाफ क्या कार्रवाई की?
ईडी ने संजीव कुमार और अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत प्रॉसिक्यूशन कंप्लेंट दाखिल की है।
संजीव कुमार पर क्या आरोप हैं?
संजीव कुमार पर फर्जी बचत खाते खोलने और सरकारी धन का दुरुपयोग करने के आरोप हैं।
ईडी की जांच क्यों शुरू हुई?
ईडी की जांच सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर के आधार पर शुरू हुई।
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