क्या लालकिले से प्रधानमंत्री ने समय से पहले तीन करोड़ 'लखपति दीदी' का लक्ष्य प्राप्त करने का दावा किया?

सारांश
Key Takeaways
- नारी शक्ति का महत्त्व बढ़ा है।
- तीन करोड़ 'लखपति दीदी' बनाने का लक्ष्य है।
- खेती के लिए 'पीएम धन धान्य कृषि योजना' की शुरुआत।
- सरकार की योजनाएं आम लोगों के लिए हैं।
- किसानों और मछुआरों के हित की रक्षा।
नई दिल्ली, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। भारत के 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित करते हुए नारी शक्ति की महिमा का उल्लेख किया। उन्होंने यह भी दावा किया कि हम तय लक्ष्य से पूर्व ही तीन करोड़ 'लखपति दीदी' बनाने में सफल होंगे। इसके साथ ही, उन्होंने खेती के क्षेत्र में चल रहे प्रयासों की जानकारी साझा की।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, "आज भारत में 'नारी शक्ति' का लोहा सभी मान रहे हैं। हमारी महिलाएं बढ़ती अर्थव्यवस्था की लाभार्थी हैं। इसमें मातृ शक्ति का भी योगदान है। खेल के मैदान से लेकर स्टार्टअप तक, हमारी बेटियां छाई हुई हैं। आज नारी देश की विकास यात्रा में योगदान दे रही हैं। 'नमो ड्रोन दीदी' नारी शक्ति की नई पहचान बन गई है।"
उन्होंने 'लखपति दीदी' का जिक्र करते हुए कहा, "हमने तीन करोड़ महिलाओं को 'लखपति दीदी' बनाने का संकल्प लिया था और मुझे गर्व है कि हम समय से पहले इस लक्ष्य को पार कर लेंगे। देखते ही देखते दो करोड़ महिलाएं 'लखपति दीदी' बन चुकी हैं। आज कुछ 'लखपति दीदी' हमारे सामने उपस्थित हैं। उनकी भागीदारी भारत की विकास यात्रा में बढ़ने वाली है।"
पीएम मोदी ने कमजोर जिलों को खेती के मामले में मजबूत बनाने वाली योजना का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, "खेती के मामले में जो जिले अन्य जिलों से पीछे रह गए हैं, उनके लिए हमने 'पीएम धन धान्य कृषि योजना' की शुरुआत की है। हमने ऐसे 100 जिलों की पहचान की है, जहां खेती कमजोर है। इस योजना के माध्यम से हम उन 100 जिलों में खेती को बेहतर बनाने की कोशिश कर रहे हैं।"
उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय मछुआरों और पशुपालकों के हित से कोई समझौता नहीं होगा। उन्होंने कहा, "भारत के मछुआरे और पशुपालक से जुड़ी किसी भी अहितकारी नीति के खिलाफ मैं दीवार बनकर खड़ा रहूंगा। भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के संबंध में कभी भी कोई समझौता नहीं करेगा।"
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में सरकार की योजनाओं को जमीन पर लाने और आम लोगों के जीवन में बदलाव लाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, "सरकार फाइलों में नहीं, लोगों की जिंदगी में होनी चाहिए। पहले भी योजनाएं आती थीं, लेकिन हमारी सरकार उन्हें धरातल पर लाती है। हमारा लक्ष्य है कि कोई हकदार न छूटे और सरकार उनके घर तक पहुंचे।"
उन्होंने 'जनधन अकाउंट' का जिक्र करते हुए कहा, "इस योजना ने आम लोगों को बैंकों से जोड़ा और उन्हें विश्वास दिलाया कि बैंक के दरवाजे हमारे लिए बंद नहीं हैं।" 'आयुष्मान भारत योजना' पर उन्होंने कहा कि इस योजना ने लाखों लोगों को सस्ता और सुलभ इलाज उपलब्ध कराया।
'पीएम आवास योजना' के तहत चार करोड़ लोगों को घर मिलने को उन्होंने सपनों के साकार होने जैसा बताया।
प्रधानमंत्री ने रेहड़ी-पटरी वालों के लिए शुरू की गई 'पीएम स्वनिधि योजना' को हर व्यक्ति की चिंता करने वाली योजना करार दिया। उन्होंने कहा, "जमीन से जुड़ी योजनाएं ही देशवासियों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाती हैं।"