क्या प्रधानमंत्री मोदी की मालदीव यात्रा ने ‘पड़ोस पहले’ नीति को फिर से मजबूत किया?

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क्या प्रधानमंत्री मोदी की मालदीव यात्रा ने ‘पड़ोस पहले’ नीति को फिर से मजबूत किया?

सारांश

प्रधानमंत्री मोदी की मालदीव यात्रा ने द्विपक्षीय संबंधों में एक नया मोड़ लाया है। यह यात्रा तनावपूर्ण संबंधों के बाद हुई है, जहाँ भारत ने मालदीव के साथ सहयोग को फिर से जीवित किया। जानिए इस यात्रा के महत्वपूर्ण पहलुओं के बारे में।

Key Takeaways

  • मालदीव यात्रा ने भारत की ‘पड़ोस पहले’ नीति को मजबूत किया।
  • 4,850 करोड़ रुपये की क्रेडिट लाइन की घोषणा हुई।
  • मालदीव के वार्षिक ऋण भुगतान में 40% की कमी आई।
  • मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू हुई।
  • 72 भारी वाहन मालदीव को प्रदान किए गए।

माले, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हाल ही में संपन्न दो दिवसीय मालदीव यात्रा को द्विपक्षीय संबंधों में एक "उत्पादक और निर्णायक मोड़" के रूप में देखा जा रहा है। यह यात्रा उन तनावपूर्ण संबंधों के बाद हुई है जब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने ‘इंडिया आउट’ अभियान की अगुवाई की थी।

पीएम मोदी की यह यात्रा ‘पड़ोस पहले’ नीति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को दोहराने वाली रही। प्रधानमंत्री मोदी मालदीव की स्वतंत्रता की 60वीं वर्षगांठ के मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे और इस अवसर पर भारत की भूमिका को एक भरोसेमंद मित्र और "प्रथम प्रतिक्रिया देने वाले" देश के रूप में प्रदर्शित किया।

यह राष्ट्रपति मुइज्जू के कार्यभार संभालने के बाद किसी भी राष्ट्राध्यक्ष की पहली आधिकारिक यात्रा थी। इस यात्रा ने दोनों देशों के बीच स्थिरता, शांति और समृद्धि के साझा लक्ष्यों को फिर से स्पष्ट किया और एक समग्र आर्थिक एवं समुद्री सुरक्षा साझेदारी के खाके की नींव रखी।

प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव में बुनियादी ढांचा विकास के लिए 4,850 करोड़ रुपये की क्रेडिट लाइन की घोषणा की। यह वित्तीय सहायता शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को सशक्त करेगी और मालदीव की सुरक्षा क्षमताओं को भी बढ़ाएगी।

इसके अलावा, भारत और मालदीव के बीच एक संशोधित समझौता हुआ, जिसके तहत मालदीव के वार्षिक ऋण भुगतान को 51 मिलियन अमेरिकी डॉलर से घटाकर 29 मिलियन अमेरिकी डॉलर कर दिया गया है, जिससे देश के कर्ज बोझ में 40 प्रतिशत की कमी आई है।

दोनों देशों ने एक मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत शुरू करने की घोषणा की और एक द्विपक्षीय निवेश संधि को अंतिम रूप देने की प्रतिबद्धता जताई। इस दौरान मत्स्य पालन, मौसम विज्ञान और डिजिटल अवसंरचना जैसे क्षेत्रों में कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

प्रधानमंत्री मोदी ने 3,300 आवासीय परियोजनाओं को सौंपा और सड़कों तथा जल निकासी प्रणाली से जुड़ी एक बड़ी परियोजना का उद्घाटन किया। इसके अलावा, छह सामुदायिक विकास परियोजनाओं की भी शुरुआत की गई।

भारत ने मालदीव के रक्षा मंत्रालय को 72 भारी वाहन प्रदान करने की घोषणा की, जिससे मालदीव की रक्षा क्षमताएं मजबूत होंगी। पीएम मोदी और राष्ट्रपति मुइज्जू ने दोनों देशों के 60 वर्षों के राजनयिक संबंधों पर एक स्मारक डाक टिकट भी जारी किया।

प्रधानमंत्री मोदी ने हमेशा पड़ोसी देशों के साथ सौहार्दपूर्ण संबंधों को मजबूत करने और क्षेत्रीय सहयोग को एक नई दिशा देने की बात कही है। मालदीव के साथ यह नया सहयोग उसी दृष्टिकोण की सशक्त अभिव्यक्ति है।

पीएम मोदी की यह यात्रा भारत की तीव्र आर्थिक प्रगति को कूटनीतिक लाभ में बदलने का एक उदाहरण है। श्रीलंका जैसे पड़ोसी देश भारत के साथ अपने आर्थिक रिश्ते मजबूत कर, व्यापार, निवेश और विकास सहयोग बढ़ाकर स्थायित्व और समृद्धि की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।

Point of View

यह यात्रा भारत और मालदीव के बीच के संबंधों को सुदृढ़ बनाने का एक महत्वपूर्ण कदम है। यह दर्शाता है कि भारत अपने पड़ोसियों के साथ सहयोग और समर्थन के प्रति प्रतिबद्ध है। यह सहयोग न केवल आर्थिक विकास के लिए, बल्कि क्षेत्रीय सुरक्षा में भी योगदान देगा।
NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव में क्या घोषणा की?
प्रधानमंत्री मोदी ने मालदीव में बुनियादी ढांचा विकास के लिए 4,850 करोड़ रुपये की क्रेडिट लाइन की घोषणा की।
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का क्या संदर्भ है?
मोहम्मद मुइज्जू ने ‘इंडिया आउट’ अभियान की अगुवाई की थी, जिसके बाद प्रधानमंत्री मोदी की यह यात्रा हुई।
यह यात्रा किस प्रकार की थी?
यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों में एक "उत्पादक और निर्णायक मोड़" के रूप में देखी जा रही है।