क्या प्रधानमंत्री मोदी ने मुख्य सचिवों की बैठक में भारत को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया?
सारांश
Key Takeaways
- भारत को आत्मनिर्भर बनाना
- राज्यों और केंद्र के बीच सहयोग
- उच्च मूल्य वाली कृषि और बागवानी
- गवर्नेंस में तकनीकी का उपयोग
- मानव पूंजी की क्षमता को बढ़ाना
नई दिल्ली, 28 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को नई दिल्ली में मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन की पांचवीं बैठक की। इस कार्यक्रम का उद्देश्य केंद्र एवं राज्यों को देश की राष्ट्रीय विकास के लिए अपनी प्राथमिकताओं को एकजुट करना है। प्रधानमंत्री मोदी ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर सम्मेलन की तस्वीरें साझा कीं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने मुख्य सचिवों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए बताया कि इस वर्ष का विषय 'विकसित भारत के लिए मानव पूंजी' था।
उन्होंने कहा, "मैंने इस पर अपने विचार साझा किए कि हम मिलकर भारत को आत्मनिर्भर बनाने, गरीबों को सशक्त बनाने और विकसित भारत के अपने सपने को साकार करने के लिए कैसे कार्य कर सकते हैं।"
उन्होंने राज्यों से विनिर्माण को प्रोत्साहित करने, व्यापार में सुगमता बढ़ाने और सेवा क्षेत्र को मजबूत करने का आह्वान किया। आइए, भारत को वैश्विक सेवा क्षेत्र की महाशक्ति बनाने का लक्ष्य रखें। भारत में विश्व का खाद्य भंडार बनने की क्षमता है। हमें उच्च मूल्य वाली कृषि, बागवानी, पशुपालन, दुग्ध उत्पादन और मत्स्य पालन की दिशा में बढ़ना चाहिए। इसी तरह से भारत एक प्रमुख खाद्य निर्यातक बन सकता है।
कार्यक्रम का उद्देश्य केंद्र और राज्यों को राष्ट्रीय विकास के लिए एकजुट करना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्होंने 'ज्ञानवर्धक' बातचीत की, जिसमें भारत के प्रशासनिक प्रणाली को सुधारने के लिए सुधार और प्रदर्शन के महत्व पर बल दिया गया।
पीएम मोदी ने कहा, "दिल्ली में हो रहे मुख्य सचिवों के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान गवर्नेंस और सुधारों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर ज्ञानवर्धक चर्चा हुई।"
इस वर्ष का सम्मेलन 'विकसित भारत के लिए मानव पूंजी' की थीम पर आधारित है और इसमें प्रारंभिक बचपन की शिक्षा, स्कूली शिक्षा, कौशल विकास, उच्च शिक्षा और अतिरिक्त पाठ्यक्रम गतिविधियों में विकास पर ध्यान केंद्रित करने वाले फोरम शामिल हैं।
इस सम्मेलन में राज्यों में डीरेगुलेशन, गवर्नेंस में तकनीकी का उपयोग, और आत्मनिर्भर भारत के तहत परियोजनाओं पर भी चर्चा की गई।
यह कार्यक्रम नीति आयोग द्वारा केंद्रीय मंत्रालयों और राज्यों के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की मानव पूंजी की क्षमता को अधिकतम बढ़ाने के लिए एक सामान्य रोडमैप को अंतिम रूप देना है।