क्या प्रशांत किशोर ने चिराग पर तंज कसते हुए कहा- बढ़ते अपराध की चिंता है, तो एनडीए से अलग क्यों नहीं होते?

सारांश
Key Takeaways
- प्रशांत किशोर ने चिराग पासवान के कानून व्यवस्था पर सवाल उठाने पर प्रतिक्रिया दी।
- कहा कि एनडीए से अलग होना चाहिए अगर कानून व्यवस्था ठीक नहीं है।
- बिहार के युवाओं को स्थानीय रोजगार का आश्वासन दिया।
- जनता से अपील की कि वे अपने बच्चों के भविष्य के लिए वोट करें।
लखीसराय, 27 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। जन सुराज के नेतृत्वकर्ता प्रशांत किशोर ने लोजपा (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान के हालिया बयान पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। चिराग ने बिहार में कानून व्यवस्था को लेकर असंतोष व्यक्त किया था और कहा था कि उन्हें इस बात का अफसोस है कि वे ऐसी सरकार का समर्थन कर रहे हैं, जिसके प्रदेश में कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह हैं।
प्रशांत किशोर ने चिराग के बयान पर कहा कि यह जनता का दबाव है कि एनडीए के सहयोगी दलों को भी आवाज उठानी पड़ रही है। यदि चिराग को लगता है कि बिहार की कानून व्यवस्था सही नहीं है, तो उन्हें एनडीए सरकार से अलग हो जाना चाहिए। बिहार की जनता की आवाज बनना चाहिए। यह उचित नहीं है कि एनडीए में रहकर भी उसकी शिकायत करें।
बिहार बदलाव यात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने आज लखीसराय में जनसभा का आयोजन किया। जनसभा के बाद पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने पूर्व मंत्री तेज प्रताप यादव के टोपी और झंडा बदलने पर भी तंज कसा।
तेज प्रताप यादव के पीले टोपी पहनने पर प्रशांत किशोर ने कहा, "जो भी पीली टोपी पहन ले, वह जन सुराज में आ जाए, यह आवश्यक नहीं है। यह सवाल तेज प्रताप से करना चाहिए कि वह कब हरा पहनेंगे, कब पीला पहनेंगे। जन सुराज का रंग पीला है।"
इससे पहले सूर्यगढ़ा बाजार में हुई जनसभा में प्रशांत किशोर ने लोगों से अपने बच्चों का चेहरा देखकर वोट करने की अपील की। उन्होंने कहा कि इस साल बिहार की बदहाली की आखिरी दीपावली और छठ होगी।
उन्होंने यह भी कहा कि छठ के बाद सूर्यगढ़ा और लखीसराय के युवाओं को 10-12 हजार रुपए की मजदूरी करने के लिए घर-परिवार छोड़कर नहीं जाना पड़ेगा। लखीसराय के ही नहीं, बिहार के ऐसे 50 लाख युवाओं को वापस बुलाकर उन्हें यहीं रोजगार दिया जाएगा।
प्रशांत किशोर ने जनता से अपील की कि वे और उनके बच्चों को लूटने वाले नेताओं को वोट न दें। इस बार अपने बच्चों की शिक्षा और रोजगार के लिए वोट करें।