क्या नया साल शांति और समृद्धि लेकर आएगा? राष्ट्रपति मुर्मू ने इजरायल को रोश हशनाह की शुभकामनाएं दीं

सारांश
Key Takeaways
- राष्ट्रपति मुर्मू ने इजरायल के राष्ट्रपति को शुभकामनाएं दीं।
- रोश हाशनाह यहूदी नववर्ष का प्रतीक है।
- भारत और इजरायल के बीच संबंध मजबूत हो रहे हैं।
- शांति और संयम की वकालत करना भारत का लक्ष्य है।
- इस त्योहार में पारंपरिक रीति-रिवाज शामिल हैं।
नई दिल्ली, 23 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को इजरायल के राष्ट्रपति इसहाक हर्जोग और विश्व भर के यहूदी समुदाय को रोश हाशनाह की दिल से शुभकामनाएं दीं। यह यहूदी नववर्ष का आरंभ दर्शाता है।
यह त्योहार, जिसमें प्रार्थना, पारंपरिक भोजन, नवीनीकरण और शांति के प्रतीक रीति-रिवाज शामिल होते हैं, सांस्कृतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है।
राष्ट्रपति मुर्मू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "माननीय इसहाक हर्जोग, भारत सरकार और जनता की ओर से, मैं आपको और यहूदी समुदाय को रोश हशनाह की हार्दिक शुभकामनाएं देती हूं। कामना है कि नया साल सभी के लिए शांति, समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य लेकर आए।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को पहले ही इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और दुनिया भर के यहूदी समुदाय को बधाई दी थी।
पीएम मोदी ने पोस्ट में कहा, "शना टोवा! मेरे मित्र प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, इजरायल के लोगों और दुनिया भर के यहूदी समुदाय को रोश हशनाह की हार्दिक शुभकामनाएं। मैं सभी के लिए शांति, आशा और अच्छे स्वास्थ्य से भरा नया वर्ष की कामना करता हूं।"
हाल के वर्षों में भारत और इजरायल ने अपने संबंधों को और मजबूत किया है। साथ ही, रक्षा, साइबर सुरक्षा, कृषि, जल प्रबंधन और नवाचार जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा है।
पीएम मोदी और नेतन्याहू के बीच व्यक्तिगत संबंध को अक्सर दोनों देशों के बीच बढ़ती साझेदारी का मुख्य कारण बताया जाता है।
यह शुभकामनाओं का आदान-प्रदान पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री मोदी को उनके 75वें जन्मदिन पर नेटन्याहू की शुभकामनाओं के बाद हुआ है।
इजरायल के प्रधानमंत्री ने दुनिया के कई नेताओं, जिनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शामिल थे, के साथ प्रधानमंत्री मोदी को जन्मदिन की बधाई दी।
इस साल रोश हशनाह पर्व गाजा में चल रहे संघर्ष के बीच मनाया जा रहा है, जिसमें पिछले एक साल में हजारों लोगों की जान गई है।
भारत ने इस क्षेत्र में शांति, संयम और बातचीत की लगातार वकालत की है, जबकि वह इजरायल के साथ अपने करीबी संबंध भी बनाए हुए है।