क्या पुणे में एनडीए के फर्स्ट टर्म कैडेट ने आत्महत्या की? परिजनों ने निष्पक्ष जांच की मांग की

सारांश
Key Takeaways
- अंतरिक्ष का नाम उसके सपनों का प्रतीक था।
- परिजनों ने निष्पक्ष जांच की मांग की।
- युवाओं के लिए मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
- इस घटना ने देश की सुरक्षा में युवा कैडेटों की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाया।
- हम सभी को इस मुद्दे पर गंभीरता से ध्यान देना होगा।
पुणे, ११ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। नेशनल डिफेंस अकादमी (एनडीए) में ९ अक्टूबर की रात को फर्स्ट टर्म के एक कैडेट ने आत्महत्या कर ली। मृतक कैडेट का नाम अंतरिक्ष बताया जा रहा है, जो कि उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ का निवासी था। इस घटना के बाद, शनिवार को अंतरिक्ष के माता-पिता पुणे पहुंचे और उन्होंने पुलिस को अपना बयान दर्ज कराया।
पुलिस के अनुसार, प्रारंभिक जांच में मामला आत्महत्या का प्रतीत होता है। हालांकि, अंतरिक्ष के पिता ने यह सवाल उठाया कि उनके बेटे ने ऐसा कदम क्यों उठाया। उन्होंने कहा, “हमारा बच्चा एनडीए में फर्स्ट टर्म का कैडेट था, वह अभी जुलाई में ही एनरोल हुआ था। ९ तारीख की रात को उसकी मृत्यु हो गई। इसे आत्महत्या कहा गया है, लेकिन हमें समझ नहीं आ रहा कि ऐसा क्यों हुआ, क्या हुआ।”
उन्होंने बताया कि उन्होंने पुलिस को अपना पूरा बयान दे दिया है और जांच अधिकारियों ने उनका स्टेटमेंट रिकॉर्ड कर लिया है। “उन्होंने कहा है कि मृत्यु हैंगिंग से हुई है, लेकिन सवाल यह है कि चार बजे की मां से बात हुई थी और दो-तीन घंटे में ऐसा क्या हुआ कि उसे इतना बड़ा कदम उठाना पड़ा?”
अंतरिक्ष के पिता ने निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए कहा कि एनडीए जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में पढ़ने वाले युवाओं को मानसिक दबाव से बाहर रखने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। “पूरे देश के लड़के यहाँ अपने सपनों के साथ आते हैं। ये बच्चे छोटी उम्र के होते हैं। उनके साथ ऐसी समस्याएं नहीं होनी चाहिए। शाम के समय एक बार माता-पिता से बात करने की अनुमति मिलनी चाहिए, ताकि उनका तनाव कम हो सके। हमारा बच्चा चला गया, लेकिन किसी और के साथ ऐसा न हो।”
अंतरिक्ष की मां ने भावुक होकर कहा, “वह बिल्कुल ठीक था, उसने कुछ नहीं कहा। हाल-चाल पूछा था, बस एक मिनट बात हुई थी।”
पिता ने बताया कि उनका बेटा बचपन से ही देश की सेवा करने का सपना देखता था। “दसवीं कक्षा से ही कहता था कि मुझे एनडीए ज्वाइन करना है और फ्लाइंग में जाना है। उसने फ्लाइंग का टेस्ट भी पास किया था। उसका नाम ही ‘अंतरिक्ष’ था और सच में उसका सपना था कि वह अंतरिक्ष तक जाए। सारी उम्मीदें अब खत्म हो गईं।”
परिजनों ने पुलिस और प्रशासन से इस घटना की गहन और निष्पक्ष जांच की मांग की है। “यह केवल आत्महत्या नहीं है। किसी को इतनी मानसिक स्थिति में पहुंचाना कि वह आत्महत्या कर ले, यह भी एक प्रकार का हत्या है। आखिर तीन घंटे में ऐसा क्या हुआ कि उसे इतना परेशान किया गया?
--आईएएस
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