क्या पंजाब की महिलाएं बकाया राशि प्राप्त करेंगी? वारिंग ने 'आप' सरकार पर हमला किया

सारांश
Key Takeaways
- पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष ने 'आप' सरकार पर सवाल उठाया है।
- महिलाओं को 1,000 रुपए देने का वादा किया गया था।
- बकाया राशि का भुगतान नैतिक रूप से आवश्यक है।
- सरकार की योजनाएं चुनावी स्टंट हो सकती हैं।
- महिलाओं की उम्मीदें और अधिकार महत्वपूर्ण हैं।
चंडीगढ़, 23 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वारिंग ने चंडीगढ़ में आम आदमी पार्टी (आप) की भगवंत मान सरकार पर कड़ा हमला करते हुए सवाल उठाया कि क्या राज्य सरकार पिछले चार वर्षों के बकाया के साथ महिलाओं को हर माह 1,000 रुपए की वित्तीय सहायता प्रदान करेगी?
वारिंग ने हाल ही में आई रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि 'आप' अगले वर्ष से इस योजना को लागू करने का इरादा रखती है, लेकिन महिलाएं पिछले सालों से धोखा महसूस कर रही हैं। उन्होंने इसे चुनावी स्टंट करार दिया और कहा कि सरकार अपने कार्यकाल के अंतिम चरण में वादों की याद दिलाने लगी है।
उन्होंने कहा, "आप सरकार को सत्ता में आए लगभग चार साल हो चुके हैं। अब जब कार्यकाल समाप्ति की ओर है, तो महिलाओं से किए गए वादे याद आ रहे हैं। जब तक यह योजना लागू होगी, तब तक ज्यादा समय नहीं बचेगा।"
वारिंग ने कहा कि उन महिलाओं को बकाया राशि का भुगतान करना नैतिक रूप से आवश्यक है, जिन्होंने इस वादे के कारण 'आप' को वोट दिया था।
उन्होंने आगे कहा, "पंजाब की महिलाएं इसी उम्मीद में इंतजार कर रही हैं। यदि सरकार कार्यकाल के अंत में मामूली राशि देकर लोगों, खासकर महिलाओं, को फिर से बेवकूफ बनाने की सोचती है, तो वह भ्रम में है।"
वारिंग ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर भी पंजाब सरकार से सवाल किया। उन्होंने लिखा, "पंजाब की आप सरकार से मेरा सवाल, यदि 'आप' पंजाब की महिलाओं को 1,000 रुपए देने का इरादा रखती है, जैसा कि आपने पहले वादा किया था, तो क्या आप उन्हें बकाया राशि भी देंगे? नैतिक रूप से, सत्ता संभालने के दिन से ही आप उनके प्रति इस पैसे के ऋणी हैं। अपने कार्यकाल के अंत में उन्हें मामूली राशि देना उनके साथ दोहरा धोखा होगा। कृपया स्पष्ट करें!"
गौरतलब है कि यह विवाद 2022 के विधानसभा चुनाव से चला आ रहा है, जब 'आप' ने महिलाओं को हर माह 1,000 रुपए देने का वादा किया था। सत्ता में आने के बाद इसकी घोषणा तो हुई, लेकिन कार्यान्वयन में देरी होती रही।