क्या पंजाब में करवा चौथ का त्योहार अद्भुत धूमधाम से मनाया जा रहा है?

Click to start listening
क्या पंजाब में करवा चौथ का त्योहार अद्भुत धूमधाम से मनाया जा रहा है?

सारांश

पंजाब में करवा चौथ का त्योहार अपनी परंपरा और उत्साह के लिए प्रसिद्ध है। विवाहित महिलाएं इस दिन अपने पतियों की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। बाजारों में रौनक और पूजा-अर्चना का माहौल इस दिन को विशेष बनाता है। जानिए इस पर्व की खासियतें।

Key Takeaways

  • करवा चौथ एक महत्वपूर्ण पर्व है जो पति-पत्नी के बीच प्रेम को दर्शाता है।
  • महिलाएं इस दिन निर्जला व्रत रखती हैं।
  • पारंपरिक पूजा और आशीर्वाद का आदान-प्रदान होता है।
  • बाजारों में रौनक और उत्सव का माहौल होता है।
  • यह त्योहार भारतीय संस्कृति की विशेषताओं में से एक है।

अमृतसर, 10 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब में करवा चौथ का त्योहार पारंपरिक श्रद्धा और अद्भुत उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। विवाहित महिलाओं ने अपने पति की दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और अखंड सौभाग्य की कामना करते हुए सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखा। दिनभर उत्सव और भक्ति का माहौल बना रहा, और बाजारों में भी देर शाम तक रौनक देखने को मिली।

गुरु नगरी अमृतसर में करवा चौथ का उल्लास विशेष रूप से देखने को मिला। महिलाओं ने तड़के सरगी के साथ अपने व्रत की शुरुआत की। दोपहर के समय पारंपरिक परिधानों और सुंदर आभूषणों से सजी-धजी सुहागिनें समूहों में एकत्र हुईं और करवा माता, भगवान शिव, माता पार्वती एवं गणेश जी की विधिवत पूजा-अर्चना की। कथा सुनने के बाद महिलाओं ने एक-दूसरे को सदा-सुहागिन होने का आशीर्वाद देते हुए करवों का आदान-प्रदान किया।

पूजा-अर्चना के बाद शाम को व्रत तोड़ने की तैयारी शुरू हो गई। दिनभर के उपवास के बावजूद महिलाओं के चेहरे पर थकान की जगह खुशी और उत्साह की चमक थी। कई जगहों पर महिलाओं ने लोकगीतों, नाच-गाने और विभिन्न मनोरंजक खेलों के साथ इस उत्सव का आनंद लिया।

जैसे ही शाम ढली, सभी की निगाहें बेसब्री से चांद के दीदार के लिए आसमान की ओर टिक गईं। अमृतसर में लगभग 8 बजकर 25 मिनट पर चांद के दर्शन हुए, जिसके बाद महिलाओं ने चलनी से चांद और फिर अपने पति का चेहरा देखकर अर्घ्य दिया। पति के हाथ से जल ग्रहण कर सुहागिनों ने अपना व्रत संपन्न किया।

व्रत रखने वाली महिलाओं ने बताया कि वे इस दिन का बेसब्री से इंतजार कर रही थीं। उन्होंने कहा कि करवा चौथ केवल एक व्रत नहीं, बल्कि पति-पत्नी के बीच प्रेम, त्याग और विश्वास के गहरे रिश्ते का प्रतीक है। अमृतसर से लेकर जालंधर, लुधियाना, पटियाला और चंडीगढ़ तक, पूरा प्रदेश प्रेम और परंपरा के रंगों से सराबोर रहा।

Point of View

करवा चौथ का पर्व भारतीय संस्कृति में पति-पत्नी के रिश्ते को मजबूती प्रदान करता है। यह न केवल श्रद्धा का प्रतीक है, बल्कि यह प्रेम और विश्वास का भी प्रतीक है।
NationPress
10/10/2025

Frequently Asked Questions

करवा चौथ का व्रत कैसे रखा जाता है?
करवा चौथ पर विवाहित महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक निर्जला व्रत रखती हैं।
करवा चौथ का महत्व क्या है?
यह व्रत पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य की कामना के लिए किया जाता है।
इस दिन महिलाएं क्या करती हैं?
महिलाएं पूजा-अर्चना करती हैं और एक-दूसरे को आशीर्वाद देती हैं।