क्या पंजाब में नशे से युवाओं की बर्बादी पर पूर्व डीजीपी की चिंता सही है?

सारांश
Key Takeaways
- पंजाब में नशे की समस्या युवाओं के भविष्य को प्रभावित कर रही है।
- 'एवर ऑनवर्ड' किताब में पुलिसकर्मियों का योगदान दर्शाया गया है।
- पंजाब पुलिस ने वर्ल्ड पुलिस गेम्स में 59 मेडल जीते हैं।
- खेलों में नई भर्ती की कमी है, जिससे युवा खिलाड़ियों की पहचान प्रभावित हो रही है।
- पूर्व डीजीपी का मानना है कि युवाओं को खेलों की ओर लौटना चाहिए।
जालंधर, 29 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। पंजाब के जालंधर में 'एवर ऑनवर्ड' किताब का विमोचन मंगलवार को हुआ। यह पुस्तक 1951 से 2010 तक के पुलिसकर्मियों की जानकारी प्रस्तुत करती है। इस अवसर पर पूर्व डीजीपी एमएस भुल्लर ने पंजाब में नशे से युवाओं की बर्बादी को लेकर अपनी चिंता व्यक्त की।
'एवर ऑनवर्ड' किताब के विमोचन कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में एडीजीपी एमएफ फारूकी और पूर्व डीजीपी एमएस भुल्लर उपस्थित रहे।
इस किताब में एक व्यापक समयावधि में पुलिस की सेवाओं के बारे में जानकारी दी गई है।
पूर्व डीजीपी एमएस भुल्लर ने पत्रकारों से बातचीत में बताया कि यह किताब पूर्व डीजीपी राजदीप गिल द्वारा लिखी गई है, और इसमें उनकी रुचि सदैव रही है। इसका मुख्य उद्देश्य युवा पीढ़ी को पुराने अधिकारियों के बारे में जानकारी देना है।
उन्होंने कहा कि पहले पंजाब के युवाओं का खेलों की ओर ध्यान था, लेकिन आजकल वे नशे की चपेट में आ रहे हैं।
डीजीपी रहते हुए, एमएस भुल्लर ने कई बड़े खिलाड़ियों को पहचान दिलाई, जिनमें द ग्रेट खली भी शामिल हैं। इसके बाद नए खिलाड़ियों की कमी महसूस हुई है।
वहीं, एडीजीपी एमएफ फारूकी ने बताया कि 2016 के बाद से खेलों में कोई नई भर्ती नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि स्पोर्ट्स पॉलिसी के अंतर्गत बच्चों को जिस तरह से प्रशिक्षण दिया गया है, उसे देखते हुए प्रतियोगिता में बच्चों ने बेहतरीन उपलब्धियां हासिल की हैं।
हाल ही में संपन्न हुए वर्ल्ड पुलिस गेम्स में पंजाब पुलिस के खिलाड़ियों ने 59 पदक जीते हैं, जिनमें 29 स्वर्ण पदक शामिल हैं। यह स्वर्ण पदक ऑल इंडिया स्पोर्ट्स में उपलब्धि प्राप्त करके हासिल किए गए हैं। उत्तर प्रदेश के बाद पंजाब दूसरे स्थान पर है। उन्होंने आशा जताई कि पंजाब पुलिस इसी तरह की उपलब्धियों को आगे बढ़ाती रहेगी।