क्या आंखों की दुश्मन हैं ये आदतें? ऐसे करें बचाव

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क्या आंखों की दुश्मन हैं ये आदतें? ऐसे करें बचाव

सारांश

आंखें हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, लेकिन कुछ आदतें हमारी दृष्टि को कमजोर कर सकती हैं। जानें कैसे आप अपनी आंखों की सुरक्षा कर सकते हैं।

Key Takeaways

  • अत्यधिक शराब और तंबाकू से दूर रहें।
  • पर्याप्त नींद लें।
  • स्क्रीन से ब्रेक लें।
  • आंखों की देखभाल में लापरवाही न करें।
  • समय पर डॉक्टर से सलाह लें।

नई दिल्ली, 23 दिसंबर (राष्ट्र प्रेस)। आंखें मानव शरीर का सबसे अनमोल अंग हैं, जिनके माध्यम से हम दुनिया की सुंदरता का अनुभव करते हैं। लेकिन कुछ रोज़ की लापरवाह आदतें हमारी दृष्टि को धीरे-धीरे कमजोर कर सकती हैं। अच्छी बात यह है कि समय रहते सतर्क रहकर हम इससे बचाव कर सकते हैं।

भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, हमारी दैनिक दिनचर्या में कई सामान्य आदतें अनजाने में आंखों को नुकसान पहुंचाती हैं। यदि इन आदतों में समय रहते सुधार किया जाए, तो हम अपनी आंखों को लंबे समय तक स्वस्थ रख सकते हैं। जीवनशैली में छोटे-छोटे सुधार न केवल दृष्टि की सुरक्षा करते हैं, बल्कि भविष्य में गंभीर समस्याओं से भी बचाव करते हैं। आंखों की देखभाल कोई विकल्प नहीं, बल्कि अपने प्रति जिम्मेदारी निभाने का एक प्रभावी तरीका है।

अत्यधिक शराब का सेवन: अधिक शराब पीने से आंखों की मांसपेशियां कमजोर होती हैं और विटामिन की कमी हो जाती है। इससे दृष्टि धुंधली हो सकती है, सूखी आंखों की समस्या बढ़ती है और लंबे समय में मोतियाबिंद या रेटिना को नुकसान का खतरा रहता है।

नींद की कमी: रातभर जागना या पर्याप्त नींद न लेना आंखों को थका देता है। इससे आंखों में जलन, लालिमा, सूखापन और डार्क सर्कल्स की समस्या होती है। नींद की कमी से आंखों की मरम्मत नहीं हो पाती, जिससे रोशनी कमजोर हो सकती है। प्रतिदिन 7-8 घंटे की नींद अनिवार्य है।

आंखों की थकान को नजरअंदाज करना: लंबे समय तक स्क्रीन देखना, किताब पढ़ना या काम करना और थकान महसूस होने पर भी आराम न करना आंखों की मांसपेशियों पर जोर डालता है। इससे आई स्ट्रेन, सिरदर्द और दृष्टि की कमजोरी हो सकती है। थकान को अनदेखा करने से स्थायी नुकसान हो सकता है।

तंबाकू और पान चबाना: धूम्रपान या तंबाकू का सेवन आंखों के लिए जहर समान है। इसमें मौजूद निकोटीन और टॉक्सिन्स रेटिना और ऑप्टिक नर्व को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे मैकुलर डिजनरेशन, मोतियाबिंद और अंधापन का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

गंदे हाथों से आंखें रगड़ना: हाथों में बैक्टीरिया या गंदगी होने पर आंखें रगड़ने से संक्रमण हो सकता है। इससे कंजक्टिवाइटिस, जलन या गंभीर संक्रमण का खतरा रहता है। हमेशा साफ हाथों से ही आंखों को छुएं।

आंखों को स्वस्थ रखने के लिए पर्याप्त नींद लें, शराब और तंबाकू से दूर रहें, स्क्रीन से ब्रेक लें और स्वच्छता का ध्यान रखें। यदि आंखों में कोई समस्या दिखे तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

Point of View

यह स्पष्ट है कि आंखों की देखभाल हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए और आंखों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी चाहिए।
NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

आंखों की थकान के लक्षण क्या हैं?
आंखों की थकान के लक्षणों में जलन, सूखापन, लालिमा और सिरदर्द शामिल हैं।
क्या धूम्रपान आंखों को नुकसान पहुंचाता है?
जी हां, धूम्रपान आंखों के लिए हानिकारक है और मोतियाबिंद तथा मैकुलर डिजनरेशन का खतरा बढ़ाता है।
बिगड़ती दृष्टि को कैसे रोकें?
समय पर आंखों की जांच कराना, स्वस्थ आहार लेना और नियमित नींद लेना आवश्यक है।
क्या स्क्रीन समय कम करने से आंखों को लाभ होता है?
हां, स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करने से आंखों की थकान और तनाव को कम किया जा सकता है।
आंखों की सफाई कैसे करें?
साफ हाथों से आंखों को छूना और नियमित रूप से आंखों को धोना आवश्यक है।
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