क्या पंजाब सरकार श्री गुरु तेग बहादुर के 350 साला शहादत दिवस के लिए कार्यक्रम आयोजित कर रही है?

सारांश
Key Takeaways
- श्री गुरु तेग बहादुर के बलिदान की स्मृति में कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं।
- 23 जिलों में लाइटिंग शो का आयोजन किया जाएगा।
- नगर कीर्तन 20 नवंबर को फरीदकोट से मोगा पहुंचेगा।
- सभी कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम होंगे।
- श्री गुरु की शिक्षाएं युवाओं तक पहुंचाई जाएंगी।
मोगा, 11 अक्तूबर (राष्ट्र प्रेस)। ‘हिंद दी चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर जी की शहादत के 350 वर्ष पूरे होने के अवसर पर मोगा में होने वाले नगर कीर्तन के लिए शनिवार को कैबिनेट मंत्री हरजोत बैंस और हरभजन सिंह ईटीओ ने मोगा जिला के प्रशासनिक अधिकारियों के साथ एक बैठक की।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरजोत बैंस ने बताया कि पंजाब सरकार की ओर से व्यापक स्तर पर ‘हिंद दी चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350 साला शहादत दिवस के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं, और पूरे पंजाब के 23 जिलों में लाइटिंग शो का आयोजन किया जा रहा है।
इसके अलावा, स्कूलों में बच्चों के लिए इन कार्यक्रमों को प्रदर्शित करने की व्यवस्था की जा रही है। मोगा जिले में 20 नवंबर को फरीदकोट से नगर कीर्तन निकलेगा। इसकी तैयारियों को लेकर आज अधिकारियों के साथ बैठक की गई और सभी तैयारियों का जायजा लिया गया।
इसके पहले, पंजाब के कैबिनेट मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने नौवें गुरु श्री गुरु तेग बहादुर जी और दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह जी के 350वें प्रकाश पर्व के लिए आयोजित होने वाले भव्य समारोहों की रूपरेखा साझा की।
चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री आवास पर आयोजित एक महत्वपूर्ण बैठक में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी), सिख कॉलेजों के प्रतिनिधियों, संतों और प्रमुख व्यक्तियों ने भाग लिया। इस बैठक में तैयारियों के साथ शताब्दी समारोह की योजना बनाई गई।
समारोह का उद्घाटन 25 अक्टूबर को दिल्ली के गुरुद्वारा शीशगंज साहिब से होगा। पंजाब के सभी कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में इस अवसर पर सेमिनार और विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जो सिख गुरुओं के बलिदान और शिक्षाओं को युवाओं तक पहुंचाने का कार्य करेंगे।
1 से 18 नवंबर तक पंजाब के 23 जिलों और 130 गुरुद्वारों में लेजर लाइट एंड साउंड शो, धार्मिक सभाएं और अन्य कार्यक्रम आयोजित होंगे। अमृतसर, बाबा बकाला, आनंदपुर साहिब और पटियाला में विशेष सजावट के साथ बड़े पैमाने पर आयोजन होंगे, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होंगे।
18 नवंबर से चार ऐतिहासिक नगर कीर्तन यात्राएं श्रीनगर, गुरदासपुर, फरीदकोट और दमदमा साहिब से शुरू होकर 22 नवंबर को आनंदपुर साहिब में समाप्त होंगी। ये यात्राएं सिख समुदाय की एकता और भक्ति का प्रतीक होंगी।