क्या पुरी में श्रद्धा की अलौकिक अनुभूति है? भगवान जगन्नाथ का नवयौवन दर्शन और नेत्रोत्सव

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क्या पुरी में श्रद्धा की अलौकिक अनुभूति है? भगवान जगन्नाथ का नवयौवन दर्शन और नेत्रोत्सव

सारांश

पुरी में भगवान जगन्नाथ के नवयौवन दर्शन और नेत्रोत्सव का आयोजन हुआ है। यह धार्मिक रस्में ओडिशा की महाप्रभु जगन्नाथ के प्रति अटूट आस्था का प्रतीक हैं। जानिए इस अद्भुत उत्सव का महत्व और भक्तों के लिए इसका क्या अर्थ है।

Key Takeaways

  • जगन्नाथ का नवयौवन दर्शन और नेत्रोत्सव भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है।
  • इन उत्सवों में ओडिशा की सांस्कृतिक धरोहर की झलक मिलती है।
  • भगवान की करुणा दृष्टि से भक्तों का कल्याण होता है।
  • यह उत्सव केवल धार्मिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक यात्रा है।
  • भगवान के नेत्रों का दर्शन भक्तों को अद्वितीय अनुभव देता है।

पुरी, 26 जून (राष्ट्र प्रेस)। पवित्र नगरी पुरी में भगवान जगन्नाथ के दो अत्यंत दिव्य और सांस्कृतिक रूप से जुड़े अनुष्ठानों- नवयौवन दर्शन और नेत्रोत्सव का आयोजन हुआ है। जगन्नाथ विद्वान और उपदेशक पंडित सूर्य नारायण रथशर्मा ने बताया कि ये केवल धार्मिक रस्में नहीं, बल्कि ओडिशा की महाप्रभु जगन्नाथ के प्रति अद्वितीय और अटूट आस्था की अभिव्यक्ति हैं।

पंडित सूर्य नारायण रथशर्मा ने बताया कि नवयौवन दर्शन और नेत्रोत्सव, श्रीक्षेत्र में मनाए जाने वाले वार्षिक उत्सवों की श्रेणी में विशेष महत्व रखते हैं। ओडिशा के विभिन्न हिस्सों में भी इन्हें उतनी ही श्रद्धा और प्रेम के साथ मनाया जाता है, जो इस परंपरा के प्रति गहरी सांस्कृतिक प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

न्यूज एजेंसी राष्ट्र प्रेस से बातचीत में उन्होंने कहा कि भगवान जगन्नाथ महाप्रभु अपूर्व करुणामय हैं। इनकी करुणा दृष्टि ऊपर पड़ने से ही कल्याण हो जाता है।

उन्होंने कहा, "भारतीय संस्कृति में अनेकों उत्सवों का पालन होता है। आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा को नेत्रोत्सव मनाया जाता है, जो भगवान की नेत्र दृष्टि का उत्सव है। ये उत्सव भगवान के दर्शन के रूप में मनाया जाता है, जब वो बीमारी से स्वस्थ होते हैं। भगवान जिस दिन पहले दर्शन देते हैं, इसको नवयौवन दर्शन कहा जाता है। भगवान के नेत्र का उत्सव, नित्य उत्सव कहा जाता है, जो अपूर्व करुणामय दृष्टि का प्रतीक है।"

पंडित सूर्य नारायण ने कहा, "भगवान जगन्नाथ के अद्वितीय नेत्र इस उत्सव का मुख्य आकर्षण होते हैं। इनके नेत्रों के दर्शन मात्र से भक्तों के सारे दुख-दर्द मिट जाते हैं। भगवान की करुणा दृष्टि से ही भक्तों का कल्याण होता है।"

उन्होंने कहा, "भगवान जगन्नाथ का नृत्य उत्सव न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि ये भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक यात्रा है। ये उत्सव भगवान की अपूर्व करुणा और प्रेम का अनुभव प्रदान करता है, जो भक्तों के जीवन को समृद्ध और पूर्ण बनाता है। भगवान जगन्नाथ के नेत्रों की महिमा और उनके अद्वितीय नृत्य उत्सव का ये अनुभव भक्तों के जीवन को नई दिशा और शक्ति प्रदान करता है।

Point of View

बल्कि पूरे देश के भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण आध्यात्मिक अनुभव है। यह उत्सव हमारे सांस्कृतिक धरोहर और आस्था का प्रतीक है।
NationPress
20/07/2025

Frequently Asked Questions

नवयौवन दर्शन क्या है?
नवयौवन दर्शन भगवान जगन्नाथ के पहले दर्शन का उत्सव है, जब वे बीमारी से स्वस्थ होकर भक्तों के सामने आते हैं।
नेत्रोत्सव कब मनाया जाता है?
नेत्रोत्सव आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है, जो भगवान की नेत्र दृष्टि का उत्सव है।
इस उत्सव का महत्व क्या है?
यह उत्सव ओडिशा की महाप्रभु जगन्नाथ के प्रति अटूट आस्था और प्रेम का प्रतीक है।
क्या यह उत्सव केवल धार्मिक है?
नहीं, यह भक्तों के लिए एक आध्यात्मिक यात्रा और अनुभव है।
भगवान जगन्नाथ के नेत्रों के दर्शन का क्या महत्व है?
भगवान जगन्नाथ के नेत्रों के दर्शन से भक्तों के दुख-दर्द मिट जाते हैं और उनका कल्याण होता है।