क्या सरकार क्यूआर कोड वाले साइन बोर्डों के जरिए राष्ट्रीय राजमार्गों पर आवागमन को सरल बनाएगी?

सारांश
Key Takeaways
- क्यूआर कोड साइन बोर्ड से जानकारी तक आसान पहुंच।
- सड़क सुरक्षा में वृद्धि की संभावना।
- यात्रियों के लिए इमरजेंसी हेल्पलाइन का लाभ।
- स्थानीय सुविधाओं की जानकारी।
- वित्तीय लाभ की उम्मीद।
नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) राष्ट्रीय राजमार्गों पर आवागमन को सुगम बनाने के लिए विभिन्न स्थानों पर 'क्विक रिस्पॉन्स (क्यूआर) कोड' के साथ प्रोजेक्ट जानकारी वाले साइन बोर्ड स्थापित करेगी। यह जानकारी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा शुक्रवार को जारी किए गए एक आधिकारिक बयान में साझा की गई।
सरकार का यह कदम यात्रियों को प्रोजेक्ट से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी और इमरजेंसी हेल्पलाइन नंबर प्रदान करेगा।
मंत्रालय के अनुसार, वर्टिकल क्यूआर कोड साइन बोर्ड पर प्रोजेक्ट से जुड़ी जानकारी उपलब्ध होगी, जैसे कि राष्ट्रीय राजमार्ग का नंबर, हाईवे का चेनज, प्रोजेक्ट की लंबाई, निर्माण और रखरखाव का समय, हाईवे पेट्रोलिंग, टोल मैनेजर, प्रोजेक्ट मैनेजर, रेजिडेंट इंजीनियर, इमरजेंसी हेल्पलाइन 1033, एनएचएआई के फील्ड ऑफिस का संपर्क नंबर और आस-पास की सुविधाओं की जानकारी जैसे कि अस्पताल, पेट्रोल पंप, शौचालय, पुलिस स्टेशन, रेस्टोरेंट, टोल प्लाजा की दूरी, ट्रक पार्किंग, पंचर ठीक करने की दुकान और वाहन सर्विस स्टेशन/ई-चार्जिंग स्टेशन आदि शामिल होंगी।
क्यूआर कोड साइन बोर्ड को सड़क किनारे रेस्ट एरिया, टोल प्लाजा, ट्रक ले-बाय, हाईवे के शुरू और अंत स्थानों और संकेतों के पास बेहतर विजिबिलिटी के लिए स्थापित किया जाएगा।
मंत्रालय ने कहा कि ये साइन बोर्ड सड़क सुरक्षा को बेहतर बनाने में मदद करेंगे और साथ ही देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों के बारे में उपयोगकर्ताओं की जागरूकता बढ़ाने में सहायक होंगे।
इस बीच, एनएचएआई को आशा है कि यदि सड़क संपत्तियों का समय पर मॉनेटाइजेशन किया जाता है, तो वित्त वर्ष 2026 में उसे 35,000-40,000 करोड़ रुपए की प्राप्ति होगी। यह पिछले तीन वर्षों में 10 स्वीकृत टोल-ऑपरेट-ट्रांसफर (टीओटी) पैकेज में देखे गए 0.62 गुना के औसत मूल्यांकन मल्टीपल पर आधारित है।
रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि यह वित्त वर्ष 25 के 24,399 करोड़ रुपए के मॉनेटाइजेशन से काफी बेहतर होगा। इसके अलावा, यह वित्त वर्ष 2026 के लिए 30,000 करोड़ रुपए के बजटेड मॉनेटाइजेशन लक्ष्य से भी अधिक होगा।
वित्त वर्ष 2023 से एनएचएआई ने मॉनेटाइजेशन के लिए चिन्हित संपत्तियों की वार्षिक सूची प्रकाशित करना शुरू कर दिया है।