क्या क्वीर स्टोरीज सीजनल नहीं हैं? श्वेता त्रिपाठी का मानवीय दृष्टिकोण

सारांश
Key Takeaways
- क्वीर कहानियां मानवीय हैं।
- नाटक 'कॉक' में प्यार और पहचान का जिक्र है।
- श्वेता त्रिपाठी का दृष्टिकोण विविधता को बढ़ावा देता है।
- यह नाटक भारतीय रंगमंच में एलजीबीटीक्यू+ मुद्दों पर चर्चा करता है।
- श्वेता की नई फिल्म एक मार्मिक क्वीर प्रेम कहानी होगी।
मुंबई, 6 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। अभिनेत्री और निर्माता श्वेता त्रिपाठी के नाटक 'कॉक' को मुंबई और दिल्ली में प्राइड मंथ के दौरान विशेष सराहना प्राप्त हुई। उन्होंने कहा कि क्वीर कहानियां केवल एक निश्चित सीजन की नहीं हैं, बल्कि ये मानवीय अनुभव हैं, जिन्हें साल भर मान्यता मिलनी चाहिए।
श्वेता अपनी स्टेज प्रोडक्शन कंपनी 'ऑलमायटी' के माध्यम से इस नाटक को भारत के अन्य शहरों में ले जाने की योजना बना रही हैं।
उन्होंने कहा, "यह नाटक मेरे दिल के करीब है। एक सहयोगी के रूप में, हमें हर दिन इन कहानियों को बढ़ावा देना चाहिए। ये इंसानी कहानियां हैं, जिन्हें उचित स्थान और मान्यता मिलनी चाहिए।"
श्वेता ने बताया कि एक कलाकार के रूप में वह उस दुनिया की विविधता को दर्शाने की जिम्मेदारी महसूस करती हैं, जिसमें हम जीते हैं।
'कॉक' एक ऐसा नाटक है, जो प्यार, पहचान और सेक्सुअलिटी जैसे विषयों पर आधारित है। यह ब्रिटिश नाटककार माइक बार्टलेट द्वारा लिखा गया है और मनीष गांधी के निर्देशन में तैयार किया गया है। इसमें एक पुरुष की कहानी है, जो अपने पूर्व पुरुष साथी और एक महिला के प्रति आकर्षण के बीच में फंसा हुआ है।
यह नाटक भारतीय रंगमंच में एलजीबीटीक्यू+ प्रतिनिधित्व पर महत्वपूर्ण चर्चा को जन्म दे रहा है। श्वेता ने कहा कि वह इस नाटक को 2025 और 2026 तक अन्य शहरों में ले जाने की योजना बना रही हैं, ताकि नए दर्शकों के साथ संवाद जारी रखा जा सके।
नाटक के अलावा, श्वेता एक निर्माता के रूप में अपनी पहली फिल्म की तैयारी कर रही हैं, जो एक मार्मिक क्वीर प्रेम कहानी होगी।
एक्टिंग के क्षेत्र में, श्वेता 2023 में विपुल मेहता की कॉमेडी फिल्म 'कंजूस मखीचूस' में नजर आई थीं।
'कंजूस मखीचूस' का निर्माण सोहम रॉकस्टार एंटरटेनमेंट और थंडरस्काई एंटरटेनमेंट ने मिलकर किया है। यह फिल्म प्रसिद्ध गुजराती नाटक 'सजन रे झूठ मत बोलो' पर आधारित है।
फिल्म में श्वेता त्रिपाठी के साथ कुणाल खेमू, पीयूष मिश्रा, अलका अमीन और राजीव गुप्ता महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। जी5 पर रिलीज़ हुई 'कंजूस मखीचूस' राजू श्रीवास्तव की अंतिम फिल्म थी।