क्या राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर भारतीयों को शुभकामनाएं दी?

सारांश
Key Takeaways
- भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें आत्म-विकास की प्रेरणा देता है।
- राष्ट्रपति का संदेश जन-कल्याण की दिशा में है।
- जन्माष्टमी का पर्व भक्ति और उल्लास का प्रतीक है।
- ऑपरेशन सिंदूर ने भारत की सुरक्षा में दृढ़ता दिखाई।
- हम सभी को सामाजिक जिम्मेदारी का पालन करना चाहिए।
नई दिल्ली, 15 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर सभी देशवासियों और विश्वभर में बसे भारतीयों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की जीवन-लीला हमें आत्म-विकास और आत्म-ज्ञान की ओर प्रेरित करती है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संदेश में कहा कि आनंद और उल्लास से भरे भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव, जन्माष्टमी के इस पावन अवसर पर, मैं सभी देशवासियों और अन्य देशों में निवास कर रहे सभी भारतीयों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं देती हूं। भगवान श्रीकृष्ण की जीवन-लीला हमें आत्म-विकास और आत्म-ज्ञान की प्रेरणा देती है।
उन्होंने आगे कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने सम्पूर्ण मानवता को धर्मानुसार कर्तव्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी है। जन्माष्टमी का त्योहार भगवान योगेश्वर श्रीकृष्ण द्वारा दर्शाए गए शाश्वत आदर्शों को अपनाने के लिए प्रेरित करता है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि आइए, हम सभी भगवान श्रीकृष्ण के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लें और जन-कल्याण की दिशा में आगे बढ़कर अपने समाज और राष्ट्र को मजबूत बनाएं।
इससे पहले स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गुरुवार को राष्ट्र को संबोधित किया। उन्होंने अपने संबोधन में 'ऑपरेशन सिंदूर' का उल्लेख करते हुए कहा कि इस वर्ष हमें आतंकवाद का सामना करना पड़ा। कश्मीर में निर्दोष नागरिकों की हत्या कायरता और अमानवीयता का उदाहरण है। भारत ने इसका जवाब फौलादी संकल्प के साथ दिया।
उन्होंने आगे कहा कि 'ऑपरेशन सिंदूर' ने यह साबित कर दिया कि जब राष्ट्र की सुरक्षा का प्रश्न होता है, तब हमारे सशस्त्र बल किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए सक्षम होते हैं। रणनीतिक स्पष्टता और तकनीकी दक्षता के साथ हमारी सेना ने सीमा पार के आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया। मुझे विश्वास है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' आतंकवाद के खिलाफ मानवता की लड़ाई में एक मिसाल बनेगा।