क्या चुनाव आयोग पर राहुल गांधी के आरोप भ्रामक हैं?

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क्या चुनाव आयोग पर राहुल गांधी के आरोप भ्रामक हैं?

सारांश

राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनका चुनाव आयोग ने खंडन किया है। क्या ये आरोप सच हैं या केवल राजनीति की एक चाल? जानें इस विवाद की पूरी कहानी और इसके पीछे के तथ्य।

Key Takeaways

  • राहुल गांधी के आरोपों का चुनाव आयोग ने खंडन किया।
  • निर्वाचक नामावली प्रक्रिया में सभी दलों की भागीदारी थी।
  • कर्नाटक में चुनाव प्रक्रिया पारदर्शी रही।
  • बेबुनियाद आरोप लगाना गैर जिम्मेदाराना है।
  • चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठाना गंभीर है।

नई दिल्ली, 1 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने लगातार चुनाव आयोग पर वोट चोरी के आरोप लगाए हैं। इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया ने राहुल गांधी के बयान को भ्रामक, तथ्यहीन और धमकाने वाला करार दिया है।

कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर राहुल गांधी का एक वीडियो साझा किया है, जिसमें कहा गया है कि वोट चोरी करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। चुनाव आयोग के फैक्ट चेक ने इस बयान को गुमराह करने वाला बताया है। ईसीआई फैक्ट चेक ने जानकारी दी कि कर्नाटक में लोकसभा चुनाव के दौरान निर्वाचक नामावली तैयार करने में 31 डीईओएस, 419 ईआरओ और एईआरओ, 58,834 बीएलओ का योगदान रहा।

इलेक्शन कमीशन ऑफ इंडिया की फैक्ट चेक टीम ने बताया कि निर्वाचक नामावली का प्रारूप और अंतिम सूची सभी राजनीतिक दलों के साथ साझा की गई थी, और इस पर एक भी अपील नहीं की गई थी। कर्नाटक के सीईओ ने कांग्रेस के साथ साझा करने की तिथियों की जानकारी भी दी है।

उन्होंने कहा कि लोकसभा 2024 चुनाव को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में 2,82,648 पॉलिंग ऑफिसर्स, 28 आरओएस, 259 एआरओ, 113 आर्ब्जवर और 4,230 काउंटिंग सुपरवाइजर ने अपनी भूमिका निभाई। लोकसभा चुनाव 2024 एक वर्ष पहले ही सम्पन्न हुए थे। चुनाव परिणामों के खिलाफ कुल 10 इलेक्शन पिटीशन दायर की गई, लेकिन इनमें से एक भी कांग्रेस उम्मीदवार द्वारा नहीं की गई।

ईसीआई फैक्ट चेक ने कहा कि अब एक वर्ष बाद लाखों चुनाव कर्मियों पर बेबुनियाद आरोप लगाना और बार-बार डराना-धमकाना एक बेहद गैर जिम्मेदाराना तरीका है। मीडिया के समक्ष इस प्रकार का बयान देना दुर्भाग्यपूर्ण है।

इससे पहले कांग्रेस द्वारा साझा किए गए वीडियो में राहुल गांधी ने कहा कि चुनाव आयोग वोट चोरी में शामिल है। मैं 100 प्रतिशत प्रमाण के साथ यह कह रहा हूं। हमें मध्य प्रदेश और लोकसभा चुनाव में संदेह था। चुनाव आयोग मदद नहीं कर रहा है तो हमने अपनी जांच करवाई, जिसमें 6 महीने लगे। जो हमें मिला है, वह एटम बम है। चुनाव आयोग में जो लोग ये काम कर रहे हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि हम उन्हें नहीं छोड़ेंगे।

Point of View

लेकिन तथ्यात्मक सत्य को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। राष्ट्रीय दृष्टिकोण से यह आवश्यक है कि आरोपों की गहराई से जांच की जाए और लोकतंत्र की मजबूती के लिए सही जानकारी साझा की जाए।
NationPress
23/12/2025

Frequently Asked Questions

क्या राहुल गांधी के आरोप सही हैं?
चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के आरोपों को भ्रामक और तथ्यहीन बताया है।
चुनाव आयोग ने क्या कहा?
चुनाव आयोग ने आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सभी प्रक्रियाएँ पारदर्शी थीं।
कर्नाटक में चुनावी प्रक्रिया कैसे हुई?
कर्नाटक में चुनावी प्रक्रिया में अनेक राजनीतिक दलों की भागीदारी रही है।
कांग्रेस ने क्या प्रतिक्रिया दी है?
कांग्रेस ने आरोपों को लेकर चुनाव आयोग के खिलाफ आवाज उठाई है।
क्या कोई कानूनी कार्रवाई की गई है?
चुनाव परिणामों के खिलाफ कोई कांग्रेस उम्मीदवार ने याचिका दायर नहीं की है।
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