क्या राहुल गांधी ने चक्रवात मोंथा से आंध्र प्रदेश में हुई तबाही पर चिंता जताई?

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क्या राहुल गांधी ने चक्रवात मोंथा से आंध्र प्रदेश में हुई तबाही पर चिंता जताई?

सारांश

चक्रवात मोंथा ने आंध्र प्रदेश में व्यापक तबाही मचाई है। राहुल गांधी ने इस पर चिंता जताते हुए राहत कार्यों को तेज करने की मांग की है। किसानों की स्थिति चिंताजनक है।

Key Takeaways

  • चक्रवात मोंथा ने आंध्र प्रदेश में भारी तबाही मचाई है।
  • राहुल गांधी ने राहत कार्यों को तेज करने की अपील की है।
  • किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं।
  • राज्य और केंद्र सरकार को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए।
  • मुआवजे की मांग की जा रही है।

नई दिल्ली, 1 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। चक्रवात मोंथा ने आंध्र प्रदेश में गंभीर तबाही का कारण बना है। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इस तबाही पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने राज्य और केंद्रीय सरकार से राहत कार्य को तेज करने की अपील की है।

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "आंध्र प्रदेश में चक्रवात मोंथा से हुई तबाही ने कई जिलों में कठिनाइयों को जन्म दिया है। मेरी संवेदनाएं उन सभी के साथ हैं जिन्होंने अपने प्रियजनों, घरों और आजीविका को खो दिया है। यह देखकर बहुत दुख होता है कि हमारे किसान, जिन्होंने महीनों तक मेहनत की, रातोंरात अपनी फसल को खो बैठे हैं।"

उन्होंने आगे लिखा, "आंध्र प्रदेश में कांग्रेस पार्टी जमीनी स्तर पर लोगों की आवाज सुन रही है और नुकसान का आकलन कर रही है। हम राज्य और केंद्र सरकार दोनों से तत्काल कार्रवाई करने का अनुरोध करते हैं—तबाही का पैमाना तत्काल और सहानुभूतिपूर्ण कार्रवाई की मांग करता है।"

इससे पहले आंध्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष वाईएस शर्मिला ने लिखा, "चक्रवात मोंथा राज्य के किसानों के लिए एक बड़ी आपदा है। मेहनत से उगाई गई सारी फसलें नष्ट हो गई हैं। आज हमने कृष्णा जिले के बंटूमिल्ली मंडल केंद्र का दौरा किया, फसल क्षति का निरीक्षण किया और किसानों से नुकसान पर चर्चा की।"

उन्होंने मुआवजे की मांग करते हुए लिखा, "मोंथा के प्रभाव से अकेले बंटूमिल्ली मंडल में लगभग 5 हजार एकड़ धान की फसल जलमग्न होकर नष्ट हो गई। किसान प्रति एकड़ लगभग 35 हजार का निवेश करता है, तो चक्रवात ने फसल को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। राज्य भर के किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में नुकसान बहुत बड़ा हुआ है। किसानों ने दुख व्यक्त किया है कि अभी तक एक भी अधिकारी उनके खेतों में नहीं आया है। अगर लगभग 22 लाख एकड़ में फसल बर्बाद हुई है, और नुकसान लगभग 20 हजार करोड़ है, तो मुख्यमंत्री चंद्रबाबू मुआवजा देने में सक्षम नहीं हैं और नुकसान को कम करके आंक रहे हैं।"

कांग्रेस अध्यक्ष ने आगे लिखा, "कांग्रेस पार्टी ने मांग की है कि नुकसान का जमीनी स्तर पर आकलन तुरंत किया जाए, बटाईदार किसानों सहित नुकसान झेलने वाले प्रत्येक किसान को 25,000 रुपए प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए, केंद्र सरकार इसे तुरंत राष्ट्रीय आपदा घोषित करे और धनराशि जारी करे, तथा मुफ्त फसल बीमा योजना को फिर से लागू किया जाए।"

Point of View

राष्ट्रीय संपादकीय दृष्टिकोण से, यह स्पष्ट है कि प्राकृतिक आपदाएँ हमारे समाज में गंभीर चुनौतियों को उत्पन्न करती हैं। इस स्थिति में, हमें प्रभावित लोगों की सहायता के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है। सरकार को तुरंत राहत कार्यों को गति देना चाहिए और किसानों के लिए उचित मुआवजा सुनिश्चित करना चाहिए।
NationPress
02/11/2025

Frequently Asked Questions

चक्रवात मोंथा का आंध्र प्रदेश पर क्या प्रभाव पड़ा है?
चक्रवात मोंथा ने आंध्र प्रदेश में व्यापक फसल हानि और तबाही का कारण बना है।
राहुल गांधी ने राहत कार्यों को तेज करने की अपील क्यों की?
राहुल गांधी ने किसानों और प्रभावित लोगों की सहायता के लिए त्वरित राहत कार्यों की आवश्यकता बताई है।