क्या राज ठाकरे ने शिवसेना का त्याग किया था, क्या वह कारण समाप्त हो गया? : छगन भुजबल

सारांश
Key Takeaways
- उद्धव और राज ठाकरे की एकता राजनीतिक माहौल को बदल सकती है।
- छगन भुजबल ने इस एकता को सकारात्मक बताया।
- राज ठाकरे के शिवसेना छोड़ने के कारण अभी भी रहस्य बने हुए हैं।
नासिक, 5 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र की राजनीति में लगभग 20 वर्षों के बाद, दो भाई उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे एक साथ दिखाई दिए। दोनों भाई एक मंच पर उपस्थित हुए और एक-दूसरे का अभिवादन किया तथा गले मिले। उनके साथ की तस्वीर सामने आते ही सियासी हलचलें तेज हो गईं हैं। इस पर महाराष्ट्र के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता छगन भुजबल ने प्रतिक्रिया दी।
छगन भुजबल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि दोनों भाइयों के साथ दो पार्टियां भी एकत्रित हुई हैं। उनके बीच की एकता एक सकारात्मक संकेत है, और उन्होंने दोनों भाइयों के बीच एकता की कामना की।
भुजबल ने कहा कि इस एकता से शिवसेना और मनसे को मजबूती मिलेगी। राजनीति में कुछ भी संभव है, और उनकी एकता से पार्टियों को लाभ होगा।
उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या भविष्य में दोनों भाइयों की एकता बनी रहेगी? राज ठाकरे ने बाला साहेब ठाकरे के रहते हुए शिवसेना का त्याग किया था। उन्होंने शिवसेना क्यों छोड़ी थी, यह एक रहस्य है। क्या वह कारण अब समाप्त हो चुका है?
इससे पहले, उद्धव ठाकरे ने शिवसेना (यूबीटी) और मनसे द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित ‘विजय रैली’ में ऐलान किया था कि महाराष्ट्र और मराठी के हित के लिए वे और राज ठाकरे एक साथ रहेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि राज्य में हिंदी थोपे जाने को सहन नहीं किया जाएगा। वे राज ठाकरे के साथ मिलकर मराठी भाषा, मराठी मानुष और महाराष्ट्र के संरक्षण के लिए एकजुट हैं, और यह एकजुटता की केवल शुरुआत है।