क्या राबड़ी देवी के आवास पर टिकट मांगने पहुंचे राजद कार्यकर्ता?

सारांश
Key Takeaways
- राजद कार्यकर्ताओं का असंतोष बढ़ रहा है।
- विकास कार्यों की कमी पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
- टिकट वितरण में सर्वे कराने की मांग की जा रही है।
- भ्रष्टाचार के आरोप भी सामने आए हैं।
- कार्यक्षेत्र में संवाद की कमी पर गहरी चिंता।
पटना, 5 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। बिहार में इस वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए राजनीतिक गतिविधियाँ तेज़ हो गई हैं। एनडीए और इंडिया ब्लॉक महागठबंधन के बीच कड़ा मुकाबला होने की संभावना जताई जा रही है।
चुनाव की तैयारियों के बीच, विभिन्न दलों के कार्यकर्ता अपनी-अपनी पार्टियों से टिकट मांगने के लिए सक्रिय हो गए हैं। खासकर, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के कार्यकर्ता शुक्रवार को पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर पहुंचे, जहाँ उन्होंने टिकट की मांग की। कार्यकर्ताओं ने शीर्ष नेतृत्व से उन विधायकों को टिकट न देने की अपील की है, जिन्होंने अपेक्षानुरूप कार्य नहीं किया है।
इसमें नालंदा जिले की इस्लामपुर विधानसभा सीट का मामला भी शामिल है। इस्लामपुर से वर्तमान विधायक राकेश कुमार रौशन हैं, जिन्हें 2020 के चुनाव में राजद के टिकट पर जीत मिली थी। कार्यकर्ताओं का दावा है कि वर्तमान विधायक ने बीते पांच वर्षों में कोई विकास कार्य नहीं किया है, इसलिए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व इस बार टिकट न दें।
कार्यकर्ताओं का आरोप है कि राकेश कुमार रौशन ने उनके साथ संवाद नहीं रखा और न ही उनकी समस्याओं पर ध्यान दिया। यह असंतोष इसलिए भी गहरा है क्योंकि कार्यकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव में रौशन की जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
एक अन्य कार्यकर्ता ने कहा कि वर्तमान विधायक पर भ्रष्टाचार और धन कमाने में लिप्त होने का आरोप लगाया गया है। उन्होंने कहा कि इस्लामपुर विधानसभा में कोई उल्लेखनीय विकास कार्य नहीं हुआ है, जिससे मतदाताओं और कार्यकर्ताओं में नाराजगी है।
इस्लामपुर से आए कार्यकर्ताओं ने पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के आवास पर पहुँचकर रौशन का टिकट काटने की मांग की है।
उमेश यादव ने कहा कि हम पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मांग करते हैं कि किसी को भी टिकट देने से पहले सर्वे कराना चाहिए। सर्वे के आधार पर ही टिकट देना चाहिए। क्योंकि, वर्तमान विधायक ने क्षेत्र में विकास कार्य नहीं किया।
कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर वर्तमान विधायक को पार्टी दोबारा टिकट देगी तो वे राजद के लिए वोट नहीं करेंगे।
बता दें कि पूर्व सीएम के आवास पर केवल इस्लामपुर विधानसभा से कार्यकर्ता ही नहीं पहुंचे थे, बल्कि अन्य विधानसभा से भी कार्यकर्ता आए थे। इनमें ज्यादातर कार्यकर्ता वर्तमान विधायक के कामकाज से संतुष्ट नहीं थे।