क्या राजस्थान में बीएलओ के कार्यभार को कम करने की नई योजना लागू होगी?

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क्या राजस्थान में बीएलओ के कार्यभार को कम करने की नई योजना लागू होगी?

सारांश

राजस्थान में विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान बीएलओ पर बढ़ते कार्यभार को कम करने के लिए राज्य निर्वाचन विभाग ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अब अतिरिक्त बीएलओ और सूचना सहायकों की नियुक्ति की जाएगी, जिससे कार्य की सटीकता और समयबद्धता में सुधार होगा।

Key Takeaways

  • अतिरिक्त बीएलओ की नियुक्ति से कार्यभार कम होगा।
  • शिक्षकों को प्राथमिकता दी जाएगी।
  • राज्य निर्वाचन आयोग ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं।
  • रिटायर्ड कर्मचारियों और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को सहायक के रूप में लगाया जाएगा।
  • मतदाता सूची की सटीकता में सुधार होगा।

जयपुर, 22 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राजस्थान में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) पर कार्य का अत्यधिक बोझ उठाने की शिकायतें लगातार आ रही थीं। इन शिकायतों को ध्यान में रखते हुए राज्य निर्वाचन विभाग ने बीएलओ को राहत देने के लिए एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब पुनरीक्षण कार्य में अतिरिक्त बीएलओ और सूचना सहायकों की नियुक्ति की जाएगी।

वर्तमान में 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण चल रहा है। इस दौरान फॉर्म-6, फॉर्म-7 और फॉर्म-8 वितरित करने और घर-घर जाकर सत्यापन करने का बड़ा काम बीएलओ को करना पड़ रहा है। कई क्षेत्रों में एक ही बीएलओ को सैकड़ों घरों का सत्यापन करना पड़ रहा था, जिससे कार्य में देरी और तनाव बढ़ रहा था।

निर्वाचन आयोग ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे बीएलओ की सहायता के लिए अन्य विभागों से अतिरिक्त कर्मचारियों को तुरंत नियुक्त करें। विशेष रूप से स्कूल शिक्षकों पर अतिरिक्त बोझ डालने से बचने पर जोर दिया गया है। आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि दिसंबर में स्कूलों में अर्ध-वार्षिक परीक्षाएं होने वाली हैं, इसलिए शिक्षकों का शैक्षणिक कार्य प्रभावित नहीं होना चाहिए। शिक्षकों को इस कार्य में केवल तभी लगाया जाए जब कोई अन्य विकल्प न हो।

आयोग के अनुसार, कई बीएलओ लगातार 10-12 घंटे काम कर रहे थे। शिक्षकों की ड्यूटी लगने से उनके विद्यालय का कार्य भी प्रभावित हो रहा था, इसलिए अब अन्य विभागों के कर्मचारियों को प्राथमिकता के साथ लगाया जाएगा।

इसके अलावा कुछ जिलों में रिटायर्ड कर्मचारियों, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आशा सहयोगिनियों को भी सहायक के तौर पर लगाने की योजना है। नए नियुक्त सहायक कर्मचारियों को जल्दी ही प्रशिक्षण देकर कार्य में लगाया जाएगा, ताकि 4 दिसंबर की समय सीमा में कार्य पूर्ण हो सके।

राज्य निर्वाचन आयोग का कहना है कि यह कदम न केवल बीएलओ का तनाव कम करेगा, बल्कि मतदाता सूची को और अधिक सटीक बनाने में भी सहायक होगा। आयोग ने सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा है कि इन निर्देशों का सख्ती से पालन करें और दैनिक प्रगति रिपोर्ट भेजें।

Point of View

हमें यह समझने की आवश्यकता है कि चुनावी प्रक्रिया को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए बीएलओ को समर्थन देना कितना महत्वपूर्ण है। इस निर्णय से न केवल बीएलओ का कार्यभार कम होगा, बल्कि यह चुनावी प्रणाली की पारदर्शिता और सटीकता को भी बढ़ाने में मदद करेगा।
NationPress
27/11/2025

Frequently Asked Questions

बीएलओ क्या होते हैं?
बीएलओ यानी बूथ लेवल ऑफिसर्स, जो मतदाता सूची के निर्माण और सुधार की प्रक्रिया में कार्यरत होते हैं।
राजस्थान में विशेष गहन पुनरीक्षण कब तक चलेगा?
यह पुनरीक्षण 4 नवंबर से 4 दिसंबर 2025 तक चलेगा।
क्या शिक्षकों को बीएलओ के कार्य में शामिल किया जाएगा?
शिक्षकों को केवल तब ही शामिल किया जाएगा जब कोई अन्य विकल्प न हो, ताकि उनके शैक्षणिक कार्य प्रभावित न हों।
राज्य निर्वाचन आयोग ने किसे निर्देश दिए हैं?
आयोग ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे बीएलओ की सहायता के लिए अन्य विभागों से अतिरिक्त कर्मचारियों की नियुक्ति करें।
बीएलओ पर कार्यभार कम करने के लिए क्या कदम उठाए गए हैं?
अतिरिक्त बीएलओ और सूचना सहायकों की नियुक्ति की जाएगी।
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