क्या मुसलमानों के कंधों पर सवार होकर कब तक बनते रहोगे सीएम, रजवी का अखिलेश से सवाल?

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क्या मुसलमानों के कंधों पर सवार होकर कब तक बनते रहोगे सीएम, रजवी का अखिलेश से सवाल?

सारांश

बरेली में मौलाना रजवी ने अखिलेश यादव पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि सिर्फ चाय पर चर्चा से मुसलमानों का भला नहीं होगा। उन्होंने मांग की कि मुसलमानों को राजनीति में उचित प्रतिनिधित्व दिया जाए, अन्यथा बगावत हो सकती है।

Key Takeaways

  • मुसलमानों का चाय पर चर्चा करना केवल प्रतीकात्मक है।
  • 2027 चुनाव में मुसलमान चेहरे की जरूरत है
  • सपा को मुसलमानों का उचित प्रतिनिधित्व देना चाहिए।
  • आबादी के अनुपात में टिकट वितरण आवश्यक है।
  • बगावत की संभावना बढ़ सकती है अगर उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिला।

बरेली, 12 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के 13 नवंबर को बरेली आने से पहले ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि किसी मुसलमान के घर जाकर चाय पीने से पूरी कौम का भला नहीं हो सकता।

उन्होंने राष्ट्र प्रेस से बातचीत में कहा, "अखिलेश यादव गुरुवार को बरेली आ रहे हैं। कोई भी व्यक्ति कहीं भी आ सकता है। वे समझते हैं कि किसी मुसलमान के घर जाकर चाय पीने और खाना खाने से पूरी कौम की किस्मत बदल जाएगी। ऐसा नहीं है। यह एक मिथक है। यहां तक कि जिसके घर वे जाएंगे, उसे भी लाभ नहीं होगा।"

मौलाना रजवी ने कहा कि अगर अखिलेश यादव वाकई मुसलमानों के हितैषी हैं तो उन्हें 2027 के विधानसभा चुनाव में किसी मुसलमान चेहरे को मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित करना चाहिए।

उत्तर प्रदेश के 20 प्रतिशत मुसलमान, 7 प्रतिशत यादव और 5 प्रतिशत अन्य वर्गों ने मिलकर मुलायम सिंह यादव को कई बार मुख्यमंत्री बनाया और अखिलेश यादव को भी सत्ता तक पहुंचाया। लेकिन अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी को मजबूत करने में कोई भूमिका नहीं निभाई, बल्कि बनी बनाई इमारत पर आकर बैठ गए।

मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने आरोप लगाया कि सपा की जड़ें मजबूत करने वाले आजम खान और शिवपाल यादव को अखिलेश ने पार्टी की कमान संभालते ही हाशिए पर डाल दिया। इस कारण पार्टी को दो विधानसभा और तीन लोकसभा चुनावों में करारी हार का सामना करना पड़ा।

उन्होंने अखिलेश यादव से सीधा सवाल किया, "20 प्रतिशत मुसलमानों के कंधों पर सवार होकर आपका परिवार कब तक मुख्यमंत्री बनता रहेगा? क्या अब मुसलमान को मुख्यमंत्री बनाएंगे?"

रजवी ने समाजवादी पार्टी से मांग की कि शीघ्र कार्यकारिणी की बैठक बुलाकर मुसलमान मुख्यमंत्री बनाए जाने का प्रस्ताव पारित किया जाए। मुसलमानों ने यादव परिवार को बहुत कुछ दिया है, लेकिन सत्ता में आने के बाद उन्हें बराबरी का हक नहीं मिला। लोकसभा और विधानसभा दोनों में मुसलमानों की आबादी के अनुपात में टिकट नहीं दिए गए, जबकि जिन जातियों की आबादी कम है, उन्हें दोगुने टिकट दिए गए।

मौलाना रजवी ने कहा कि अगर 2027 में आबादी के अनुपात में टिकट नहीं मिले तो सपा के भीतर ही बगावत हो सकती है।

Point of View

NationPress
12/11/2025

Frequently Asked Questions

क्या मौलाना रजवी ने अखिलेश यादव पर कोई आरोप लगाए हैं?
जी हां, उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव ने मुसलमानों के हितों की अनदेखी की है और उन्हें उचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया।
अखिलेश यादव के बारे में मौलाना रजवी की क्या मांग है?
उन्होंने मांग की कि अखिलेश यादव 2027 के विधानसभा चुनाव में किसी मुसलमान को मुख्यमंत्री पद के लिए उम्मीदवार बनाएं।
क्या मुसलमानों की राजनीतिक भागीदारी पर सवाल उठाया गया है?
हां, मौलाना रजवी ने कहा कि मुसलमानों को चुनावी टिकट में उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिलता।