क्या शिबू सोरेन जनजातीय अस्मिता के सशक्त स्वर थे? राज्यपाल गंगवार का बयान

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क्या शिबू सोरेन जनजातीय अस्मिता के सशक्त स्वर थे? राज्यपाल गंगवार का बयान

सारांश

झारखंड आंदोलन के नायक शिबू सोरेन के निधन पर राज्यपाल गंगवार ने गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शिबू सोरेन जी जनजातीय अस्मिता के सशक्त स्वर थे। उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। इस लेख में हम शिबू सोरेन के योगदान और उनकी विरासत पर बात करेंगे।

Key Takeaways

  • शिबू सोरेन का योगदान अविस्मरणीय है।
  • उनका निधन झारखंड के लिए एक अपूरणीय क्षति है।
  • उन्होंने आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
  • राज्यपाल गंगवार ने उन्हें जनजातीय अस्मिता का सशक्त स्वर बताया।
  • उनकी विरासत आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी।

रांची, 4 अगस्त (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड आंदोलन के प्रमुख नेता और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन के निधन पर झारखंड के राज्यपाल सहित कई महत्वपूर्ण व्यक्तियों ने गहरा शोक व्यक्त किया है। राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिशोम गुरु शिबू सोरेन जी का निधन अत्यंत दुःखद और पीड़ादायक है।

उन्होंने अपने शोक संदेश में कहा कि वे जनजातीय अस्मिता और अधिकार के सशक्त स्वर रहे। उनके राजनीतिक और सामाजिक योगदान को भुलाया नहीं जा सकेगा। शिबू सोरेन की बहू और गांडेय विधानसभा सीट की विधायक कल्पना सोरेन ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'सब वीरान सा हो गया है... अंतिम जोहार आदरणीय बाबा... आपका संघर्ष, आपका स्नेह, आपका दृढ़ विश्वास - आपकी यह बेटी कभी नहीं भूलेगी।'

झारखंड आंदोलन के दौरान शिबू सोरेन के साथी रहे पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने सोशल मीडिया पर लिखा, “दिशोम गुरु आदरणीय शिबू सोरेन जी के निधन की दुखद सूचना से शोकाकुल हूं। मरांग बुरु दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें। यह एक युग का अंत है। झारखंड आंदोलन के दौरान आपके साथ बिताए पल याद आ रहे हैं।”

चंपई सोरेन ने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए आगे लिखा, “गुरुजी, महाजनी प्रथा और नशे के खिलाफ आदिवासियों, मूलवासियों तथा शोषित-पीड़ित जनता के संघर्ष को आपने जिस प्रकार दिशा दी, उसे आने वाली पीढ़ियां कभी नहीं भूलेंगी। आप हमेशा हमारे दिल में रहेंगे। आपके आदर्श और विचार सदैव हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे। झारखंड की आम जनता के हितों के लिए जो संघर्ष आपने शुरू किया, वह जीवनपर्यंत जारी रहेगा।”

राजमहल के झामुमो सांसद विजय कुमार हांसदा ने कहा कि वटवृक्ष के रूप में हम सबको स्नेह, आशीर्वाद और मार्गदर्शन देने वाले अभिभावक दिशोम गुरु शिबू सोरेन का जाना झारखंड की अपूरणीय क्षति है। झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने सोशल मीडिया पर लिखा, “अपने झारखंड का सूरज सोमवार की सुबह उगने से पहले ही हमेशा के लिए अस्त हो गया। गुरुजी ने न केवल झारखंड को अलग राज्य का दर्जा दिलाया, बल्कि आदिवासी समाज को अंधकार से निकालकर अधिकार और आत्मसम्मान के उजाले की ओर अग्रसर किया। वे हमारे लिए पिता तुल्य थे। उनका यूं अचानक चले जाना, न केवल झारखंड बल्कि पूरे देश के लिए अपूरणीय क्षति है।”

Point of View

NationPress
04/08/2025

Frequently Asked Questions

शिबू सोरेन का योगदान क्या था?
शिबू सोरेन ने झारखंड आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए संघर्ष किया।
राज्यपाल गंगवार ने उनके निधन पर क्या कहा?
राज्यपाल गंगवार ने कहा कि शिबू सोरेन जनजातीय अस्मिता और अधिकारों के सशक्त स्वर थे।