क्या झारखंड के रामगढ़ में सिक्योरिटी गार्ड ने सुपरवाइजर को कुल्हाड़ी से मारा?

सारांश
Key Takeaways
- सिक्योरिटी गार्ड द्वारा अपने सुपरवाइजर की हत्या एक गंभीर अपराध है।
- वेतन विवाद कई बार तनाव का कारण बन सकता है।
- स्थानीय समुदाय में इस घटना को लेकर आक्रोश है।
- पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
- हिंसा कभी भी सही समाधान नहीं है।
रामगढ़, 17 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। झारखंड के रामगढ़ शहर में हरिओम टावर नामक निर्माणाधीन मार्केट कॉम्प्लेक्स में काम करने वाले एक सिक्योरिटी गार्ड ने अपने सुपरवाइजर की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी। यह घटना वेतन विवाद के चलते हुई।
आरोपी ने बाद में शुक्रवार को थाने में जाकर पुलिस अधिकारियों के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। मृतक की पहचान सुनील सिंह के रूप में हुई है, जो निर्माणाधीन कॉम्प्लेक्स में सुपरवाइजर के तौर पर कार्यरत था।
पुलिस के अनुसार, आरोपी सिक्योरिटी गार्ड शंकर महतो कम वेतन मिलने से नाराज था। इसी मुद्दे पर विवाद होने के बाद उसने गुरुवार-शुक्रवार की रात कुल्हाड़ी से हमला कर सुनील सिंह की हत्या कर दी। पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
हत्या में प्रयोग की गई कुल्हाड़ी भी बरामद कर ली गई है। घटना की जानकारी मिलते ही मृतक के परिजन मौके पर पहुंचे। सुनील सिंह की पत्नी और परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक के भाई रामवृक्ष सिंह ने आरोप लगाया कि उस दिन सुनील की ड्यूटी नहीं थी, फिर भी सिक्योरिटी एजेंसी के मालिक ने उसे बुलाया। रात में शंकर महतो ने उनके भाई की कुल्हाड़ी से हत्या कर दी।
स्थानीय ग्रामीणों में इस घटना को लेकर आक्रोश है। जानकारी के अनुसार, गुरुवार दोपहर सुनील सिंह और शंकर महतो के बीच किसी बात को लेकर झगड़ा हुआ था, जो हाथापाई तक पहुंच गया। रात में गुस्से में आकर शंकर महतो ने यह वारदात की।
रामगढ़ के एसडीपीओ परमेश्वर प्रसाद ने बताया कि प्रारंभिक जांच में हत्या का कारण वेतन विवाद सामने आया है। आरोपी ने पुलिस के समक्ष स्वीकार किया है कि उसे नौ हजार रुपए की जगह केवल छह हजार रुपए वेतन दिया जा रहा था और विरोध करने पर नौकरी छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा था। घटना की विस्तृत जांच जारी है।