क्या रांची में 24 दिन बाद झाड़ी में मिला दिल्ली पब्लिक स्कूल के शिक्षक का शव?

सारांश
Key Takeaways
- माइकल घोष का शव जोन्हा फॉल से दूर मिला।
- वे 19 जून को झरने में बह गए थे।
- खोजबीन में एनडीआरएफ की टीम शामिल थी।
- घटनास्थल पर स्थानीय ग्रामीणों ने भी मदद की।
- शव को पोस्टमार्टम के लिए रिम्स भेजा जाएगा।
रांची, 13 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। दिल्ली पब्लिक स्कूल (डीपीएस) के शिक्षक माइकल घोष का क्षत-विक्षत शव रविवार को जोन्हा फॉल से लगभग चार किलोमीटर दूर झाड़ी में मिला है। वह 19 जून को झरने की तेज धारा में बह गए थे, जिसके बाद से उनकी कोई जानकारी नहीं मिल रही थी।
माइकल घोष, जो कि डीपीएस में म्यूजिक टीचर के रूप में कार्यरत थे, झारखंड के धनबाद के निवासी थे। वे रांची के अलकापुरी मुहल्ले में किराए पर रह रहे थे। जानकारी के अनुसार, वे अपने दो सहयोगी शिक्षकों पंकज श्रीवास्तव और ऋतिक सामंता के साथ जोन्हा फॉल घूमने गए थे। वहां ऊंचे चट्टान पर चढ़ने के दौरान वे फिसलकर पानी में गिर गए थे।
घटना के बाद से प्रशासन और एनडीआरएफ की 30 सदस्यीय टीम उनकी खोज में लगी हुई थी। जोन्हा थाने के प्रभारी हीरालाल शाह ने बताया कि शव की खोज के लिए लगातार दो दिन तक ड्रोन कैमरे का उपयोग किया गया। इसके अलावा, करीब 10 किलोमीटर दूर तक तलाशी अभियान चलाया गया। स्थानीय ग्रामीण भी उनकी तलाश में जुटे रहे, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
रविवार की सुबह, ग्रामीणों ने झाड़ी में एक शव फंसा हुआ पाया। सूचना मिलने पर पुलिस और प्रशासन की टीम ने मौके पर जाकर शव की पहचान माइकल घोष के रूप में की। एनडीआरएफ और प्रशासन के सर्च ऑपरेशन के विफल होने के कारण माइकल घोष के परिजन मायूस थे। रविवार को शव मिलने के बाद उनके परिवार को सूचना दी गई। शव को रांची स्थित रिम्स में पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा।