क्या कम महंगाई के चलते आरबीआई रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रख सकता है?

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क्या कम महंगाई के चलते आरबीआई रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रख सकता है?

सारांश

क्या आरबीआई अपनी आगामी बैठक में रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखेगा? जानें इस रिपोर्ट में कि क्यों महंगाई कम होने के बावजूद विकास के जोखिम बढ़ रहे हैं।

Key Takeaways

  • आरबीआई रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखने की संभावना है।
  • महंगाई का स्तर कम है और नियंत्रण में है।
  • ग्लोबल दबाव भारत के विकास पर प्रभाव डाल सकते हैं।

नई दिल्ली, 29 सितंबर (राष्ट्र प्रेस)। भारतीय रिजर्व बैंक अपनी आगामी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रखने की संभावना है। यह जानकारी सोमवार को एक रिपोर्ट में सामने आई।

बजाज-ब्रोकिंग की एक रिपोर्ट के अनुसार, केंद्रीय बैंक ने पिछली बार जून में रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती की थी, जबकि अगस्त में दर को स्थिर रखा गया था।

रिपोर्ट में कहा गया कि आरबीआई मौजूदा दर को बनाए रख सकता है क्योंकि महंगाई कम है और नियंत्रण में है, लेकिन विकास के लिए जोखिम बढ़ रहे हैं।

भारत में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति अगस्त में जुलाई के 1.61 प्रतिशत से बढ़कर 2.07 प्रतिशत हो गई, जो पिछले दस महीनों से जारी महंगाई में कमी की प्रवृत्ति को समाप्त करती है।

हालांकि, मुद्रास्फीति आरबीआई के 4 प्रतिशत के लक्ष्य से काफी नीचे और अनुमत सीमा के भीतर ही है।

विशेषज्ञों का कहना है कि इसकी वजह खाद्य कीमतों में वृद्धि थी, लेकिन जीएसटी सुधार से आने वाले महीनों में खुदरा कीमतें कम हो सकती हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, विकास के मोर्चे पर जून तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था ने उम्मीद से बेहतर 7.8 प्रतिशत की मजबूत वार्षिक वृद्धि दर्ज की।

यह वृद्धि मुख्य रूप से सरकारी खर्च से समर्थित थी, हालांकि निजी निवेश अभी भी कमजोर है।

रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अमेरिकी व्यापार टैरिफ और भू-राजनीतिक तनाव सहित वैश्विक दबाव आने वाली तिमाहियों में भारत के विकास के दृष्टिकोण पर दबाव डाल सकते हैं।

इसके साथ ही, रिपोर्ट में सितंबर में क्रेडिट फ्लो को बढ़ावा देने और आर्थिक गतिविधियों को समर्थन देने के लिए सीआरआर में कटौती सहित आरबीआई के हाल के लिक्विडिटी उपायों पर भी चर्चा की गई है।

हालांकि, उधारी की लागत अभी भी अधिक बनी हुई है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय बैंक अपने दिशानिर्देशों में तटस्थ रुख अपनाने की संभावना रखता है। केंद्रीय बैंक आर्थिक विकास को समर्थन देने की अपनी प्राथमिकता और कीमतों को स्थिर रखने की आवश्यकता के बीच संतुलन बनाए रख सकता है।

Point of View

आरबीआई, को महंगाई नियंत्रण और आर्थिक विकास के बीच संतुलन बनाए रखने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। देश की आर्थिक स्थिरता और विकास की दिशा में यह निर्णय महत्वपूर्ण है।
NationPress
29/09/2025

Frequently Asked Questions

आरबीआई रेपो रेट को क्यों स्थिर रखने पर विचार कर रहा है?
आरबीआई महंगाई के कम स्तर और नियंत्रण में रहने के कारण रेपो रेट को स्थिर रखने की संभावना पर विचार कर रहा है।
क्या महंगाई की दर बढ़ने से रेपो रेट में बदलाव होगा?
अगर महंगाई की दर लगातार बढ़ती है, तो यह संभव है कि आरबीआई को रेपो रेट में बदलाव करना पड़े।
क्या निजी निवेश की कमी से आर्थिक विकास प्रभावित होगा?
हाँ, निजी निवेश की कमी भारत के आर्थिक विकास को प्रभावित कर सकती है, हालांकि सरकारी खर्च से स्थिति बेहतर हो रही है।