क्या रोहिणी आचार्य ने राजनीति छोड़कर परिवार से भी नाता तोड़ लिया?
सारांश
Key Takeaways
- रोहिणी आचार्य ने राजनीति छोड़ने का निर्णय लिया।
- जदयू ने लालू यादव पर कटाक्ष किया।
- पारिवारिक कलह का मुद्दा सामने आया।
- राजनीति और परिवार के बीच के संबंधों पर सवाल उठे।
- यह घटनाक्रम बिहार की राजनीति में महत्वपूर्ण मोड़ है।
पटना, 15 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के प्रमुख लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने राजनीति से अलविदा कहने और अपने परिवार से दूरी बनाने का निर्णय लिया है। इस पर जदयू ने लालू यादव पर तंज कसा है। जदयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि पारिवारिक पार्टी में पारिवारिक कलह खुलकर सामने आ गया है।
नीरज कुमार ने कहा कि जिस बेटी ने अपने पिता की सुरक्षा की हो, उसी बेटी के मुंह से कराहें निकल रही हैं। जिस भाई की कलाई पर राखी बांधी, वह बहन पार्टी और परिवार को छोड़ने का निर्णय ले रही है। उन्होंने यह भी कहा कि लालू यादव और राबड़ी देवी सवालों के घेरे में हैं। उन्होंने कहा कि लालू यादव राजनीति के धृतराष्ट्र बन गए हैं, जो सब कुछ जानते हुए भी चुप हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि लालू यादव उस घर के मुखिया हैं। अगर वह अपनी ज़िम्मेदारी नहीं निभाएंगे तो इसके परिणाम भी उन्हें ही भुगतने होंगे। बेटी का दर्द बहुत भारी होता है। उन्होंने लालू यादव को सलाह दी कि राजनीति का कुनबा तो बिखर गया है, अब पारिवारिक बिखराव भी नज़दीक है। इसलिए ज्ञानचक्षु खोलें।
इससे पहले, शनिवार को बिहार की राजनीति में हलचल मच गई जब रोहिणी आचार्य ने राजनीति छोड़ने का फैसला किया। उन्होंने अपने परिवार से दूरी बनाने की भी घोषणा की। रोहिणी आचार्य ने कहा कि संजय यादव और रमीज ने उनसे यही करने को कहा था। उन्होंने अपने पोस्ट में यह भी कहा कि वे अपने ऊपर सभी चीजों का दोष ले रही हैं।
रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "मैं राजनीति छोड़ रही हूं और अपने परिवार से नाता तोड़ रही हूं। संजय यादव और रमीज ने मुझसे यही करने को कहा था। मैं सारा दोष अपने ऊपर ले रही हूं।"