क्या महाभारत की 'द्रौपदी' ने एक ही टेक में किया 'चीरहरण' का सीन पूरा?

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क्या महाभारत की 'द्रौपदी' ने एक ही टेक में किया 'चीरहरण' का सीन पूरा?

सारांश

रूपा गांगुली की द्रौपदी का किरदार आज भी दर्शकों के दिलों में बसा हुआ है। इस लेख में जानिए उनके करियर की कहानी, चीरहरण के सीन के पीछे की भावनाएँ और उनकी ज़िंदगी के संघर्ष।

Key Takeaways

  • रूपा गांगुली का द्रौपदी का किरदार आज भी यादगार है।
  • चीरहरण का सीन एक ही टेक में पूरा हुआ।
  • रूपा ने अपने करियर में कई चुनौतियों का सामना किया।
  • उन्होंने राजनीति में भी कदम रखा और सक्रिय रहीं।
  • उनका योगदान कला और राजनीति दोनों में महत्वपूर्ण है।

मुंबई, 24 नवंबर (राष्ट्र प्रेस)। प्रसिद्ध अभिनेत्री रूपा गांगुली ने अपनी मेहनत और प्रतिभा के बल पर दर्शकों के दिलों में एक खास स्थान बनाया है। उन्होंने न केवल अपनी खूबसूरती से दर्शकों को मोहित किया, बल्कि अपने किरदारों में इतनी जान डाल दी कि लोग उन्हें कभी नहीं भूल पाते। खासकर बी.आर. चोपड़ा के टीवी शो 'महाभारत' में निभाई गई उनकी द्रौपदी की भूमिका आज भी लोगों के दिलों में ताजा बनी हुई है।

इस किरदार की एक खास याद चीरहरण से जुड़ी है। उन्होंने इस सीन को एक ही टेक में पूरा कर लिया और शूट के तुरंत बाद इतनी भावुक हो गईं कि फूट-फूट कर रोने लगीं।

रूपा गांगुली का जन्म 25 नवंबर 1966 को कोलकाता के कल्याणी में हुआ। उन्हें बचपन से ही कला और संस्कृति में रुचि थी। शुरू में उनका फिल्म और टीवी की दुनिया में आने का कोई इरादा नहीं था, लेकिन एक शादी समारोह में उनकी मुलाकात फिल्म निर्माता बिजॉय चटर्जी से हुई, जिन्होंने उन्हें अपनी हिंदी टेलीफिल्म 'निरुपमा' (1986) के लिए प्रस्ताव दिया।

शुरुआत में तो उन्होंने इस प्रस्ताव को स्वीकार करने में झिझक महसूस की, लेकिन बाद में अपनी मौसी के कहने पर उन्होंने हां कर दी। इसमें उनके साथ सौमित्र चटर्जी भी महत्वपूर्ण भूमिका में थे। उन्होंने रूपा के अभिनय से इतने प्रभावित होकर अपनी बेटी की फिल्म में उन्हें कास्ट करने की सलाह दी।

बंगाली फिल्मों के अलावा, उन्होंने बॉलीवुड में भी काम किया और तारिक शाह की हिंदी फिल्म 'बाहर आने तक' (1990) में रमा की भूमिका निभाई, हालांकि फिल्म को कोई विशेष सफलता नहीं मिली। इसके बाद, उन्होंने के. बापय्या की 'प्यार का देवता' (1991), राज सिप्पी की 'सौगंध' (1991) और राजकुमार कोहली की 'विरोधी' (1992) जैसी फिल्मों में भी काम किया। 1991 में, उन्होंने तुलसी रामसे और श्याम रामसे द्वारा निर्देशित ब्लॉकबस्टर कन्नड़ फिल्म 'पुलिस मट्टू दादा' में भी अभिनय किया।

वे 1992 में एवी शेषगिरी राव की तेलुगु फिल्म 'इंस्पेक्टर भवानी' में भी थीं, जिसमें उन्होंने एक ईमानदार पुलिस अधिकारी की भूमिका निभाई। उसी वर्ष, उन्होंने सुकांता रॉय की बंगाली फिल्म 'पितृऋण' में भी अभिनय किया।

हालांकि उन्हें सबसे अधिक लोकप्रियता 'महाभारत' से मिली, जिसमें उन्होंने द्रौपदी का किरदार निभाया। इस रोल ने उन्हें हर घर में पहचान दिलाई।

'महाभारत' में सबसे महत्वपूर्ण चीरहरण का सीन था, जिसे उन्होंने सिर्फ एक टेक में पूरा किया। लेकिन जैसे ही शूट खत्म हुआ, वे अपने किरदार की भावनाओं में इतनी खो गईं कि रोने लगीं।

रूपा गांगुली का निजी जीवन भी चुनौतियों से भरा रहा। उन्होंने 1992 में मैकेनिकल इंजीनियर ध्रुव मुखर्जी से शादी की। शुरुआती सालों में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, और इस दौरान उन्होंने तीन बार आत्महत्या करने की कोशिश भी की। हालांकि, उन्होंने कभी हार नहीं मानी। 1997 में बेटे आकाश के जन्म के बाद उन्होंने अपने जीवन को नया मोड़ दिया। तलाक के बाद, उन्होंने मुंबई में अपने करियर पर ध्यान केंद्रित किया।

अभिनय के साथ-साथ, रूपा गांगुली एक प्रशिक्षित रवींद्र संगीत गायिका और क्लासिकल डांसर भी हैं। उन्होंने कई बंगाली फिल्मों में गाने गाए और इसके लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड भी जीता। अपने ग्लैमर करियर के बाद, उन्होंने राजनीति में कदम रखा और 2015 में भारतीय जनता पार्टी जॉइन की, जहां वे राज्यसभा की सदस्य बनीं। यहाँ भी वे महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर सक्रिय रहीं।

Point of View

बल्कि यह संघर्ष और साहस की एक प्रेरणादायक गाथा भी है। उन्होंने अपने करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं, लेकिन उनके अद्वितीय अभिनय ने उन्हें हर दिल में एक खास स्थान दिलाया है।
NationPress
24/11/2025

Frequently Asked Questions

रूपा गांगुली ने 'महाभारत' में कौन सा किरदार निभाया?
रूपा गांगुली ने 'महाभारत' में द्रौपदी का किरदार निभाया था।
रूपा गांगुली का जन्म कब हुआ?
रूपा गांगुली का जन्म 25 नवंबर 1966 को कोलकाता में हुआ।
रूपा गांगुली ने किस फिल्म से करियर की शुरुआत की?
रूपा गांगुली ने अपनी करियर की शुरुआत 'निरुपमा' फिल्म से की थी।
क्या रूपा गांगुली ने राजनीति में भी कदम रखा है?
जी हाँ, उन्होंने 2015 में भारतीय जनता पार्टी जॉइन की और बाद में राज्यसभा की सदस्य बनीं।
रूपा गांगुली ने चीरहरण का सीन क्यों पूरा किया?
उन्होंने चीरहरण का सीन एक ही टेक में पूरा किया और उसके बाद अपनी भावनाओं में खो गईं।
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