क्या उत्तर प्रदेश के संभल में शुरू हुई पौराणिक 24 कोसी परिक्रमा?

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क्या उत्तर प्रदेश के संभल में शुरू हुई पौराणिक 24 कोसी परिक्रमा?

सारांश

योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में, संभल ने एक बार फिर से भगवान कल्कि की नगरी के रूप में अपनी पहचान बनाई है, जहां 24 कोसी परिक्रमा का शुभारंभ हुआ। यह धार्मिक परंपरा 46 वर्षों बाद पुनर्जीवित हुई है, और यह सभी मनोकामनाओं की पूर्ति का मार्ग मानी जाती है।

Key Takeaways

  • संभल में 24 कोसी परिक्रमा का महत्व धार्मिक और सामाजिक दोनों है।
  • यह परिक्रमा 46 वर्षों के बाद पुनः शुरू हुई है।
  • योगी आदित्यनाथ ने संभल की स्थिति को गंभीरता से लिया।
  • संभल में कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है।
  • आर्थिक दृष्टि से संभल ने प्रगति की है।

लखनऊ, २५ अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में, संभल एक बार फिर अपनी प्राचीन पहचान ‘भगवान कल्कि की नगरी’ के रूप में चमक उठा है। शुक्रवार रात २ बजे, संभल के ६८ तीर्थ और १९ कूपों की २४ कोसी परिक्रमा का उद्घाटन प्राचीन तीर्थ बेनीपुरचक के श्रीवंशगोपाल से लाखों श्रद्धालुओं की उपस्थिति में हुआ।

शंखनाद, भजन और जयघोष के बीच यह परिक्रमा ४६ वर्षों बाद फिर से शुरू हुई है। १९७८ में सांप्रदायिक दंगों के कारण रुकी हुई यह परंपरा, २०२४ में योगी सरकार के प्रयासों से पुनर्जीवित हुई। धार्मिक मान्यता है कि इस परिक्रमा से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और जीव को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह परिक्रमा श्रीवंशगोपाल तीर्थ से शुरू होकर भुवनेश्वर, क्षेमनाथ और चंदेश्वर तीर्थों से होते हुए पुनः वंशगोपाल तीर्थ पर लौटती है। इन तीन प्रमुख तीर्थों के बीच ८७ देवतीर्थ स्थित हैं, जो संभल की समृद्ध आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक हैं।

१९७८ के दंगों के बाद संभल में जो भय, अविश्वास और पलायन का वातावरण बना, उसने दशकों तक यहां के सामाजिक ताने-बाने को प्रभावित किया। हिंदू परिवारों ने अपने घर, दुकानें और जमीनें छोड़ीं; मंदिरों पर अवैध कब्जे हुए और धार्मिक आयोजनों पर प्रतिबंध लगा। लेकिन २०१७ में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद स्थिति में बदलाव आया। सीएम योगी ने संभल की स्थिति को गंभीरता से लिया। न्यायिक आयोग की रिपोर्ट ने उन तथ्याओं को उजागर किया जिन्हें वर्षों तक छिपाया गया था।

सत्ता संरक्षण में जनसंख्या संतुलन बिगाड़ने के प्रयास हुए और हिंदुओं को सुनियोजित तरीके से पलायन के लिए मजबूर किया गया। योगी सरकार ने इन सभी मामलों में कठोर कदम उठाए। दंगों की साजिश में शामिल तत्वों को जेल भेजा गया, अवैध कब्जों को हटाया गया और सांप्रदायिक राजनीति पर अंकुश लगाया गया।

योगी सरकार ने संभल में बड़े पैमाने पर अतिक्रमण हटाने की ऐतिहासिक कार्रवाई की। उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता-२००६ की धारा-६७ के अंतर्गत ४९५ मामले दर्ज किए गए, जिनमें से २४३ का निपटारा कर १०६७ अतिक्रमण हटाए गए। इस प्रक्रिया में ६८.९४ हेक्टेयर भूमि को कब्जा मुक्त कराया गया। धार्मिक स्थलों पर अवैध कब्जों पर भी निर्णायक कार्रवाई की गई। विशेष अभियान के तहत ३७ अवैध कब्जे हटाए गए, जिनमें १६ मस्जिदें, १२ मजारें, ७ कब्रिस्तान और २ मदरसे शामिल थे। कुल २.६२३ हेक्टेयर भूमि को मुक्त कराया गया। साथ ही, ६८ पौराणिक तीर्थ स्थलों और १९ प्राचीन कूपों के संरक्षण व सौंदर्यीकरण की प्रक्रिया शुरू की गई है। कल्कि अवतार मंदिर समेत अनेक प्राचीन स्थलों पर पुनरुद्धार कार्य जारी है।

संभल में अब कानून का इकबाल मजबूत हुआ है। योगी सरकार ने पिछले कुछ वर्षों में २ नए थाने और ४५ नई चौकियां स्थापित की हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में सीसीटीवी निगरानी और ड्रोन सर्वेमेटैलिक, वुडन और हैंडिक्राफ्ट उत्पाद अंतरराष्ट्रीय बाजारों में अपनी पहचान बना रहे हैं।

Point of View

बल्कि यह सामाजिक एकता और सामुदायिक विश्वास को भी मजबूती प्रदान करता है। यह घटना हमें यह याद दिलाती है कि कैसे इतिहास के कठिन दौरों के बावजूद, एकजुटता और प्रयास से हम अपनी सांस्कृतिक धरोहर को पुनर्जीवित कर सकते हैं।
NationPress
25/10/2025

Frequently Asked Questions

24 कोसी परिक्रमा का महत्व क्या है?
यह परिक्रमा सभी मनोकामनाओं की पूर्ति और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग मानी जाती है।
परिक्रमा कब शुरू हुई?
यह परिक्रमा 25 अक्टूबर को, 46 वर्षों के बाद पुनः आरंभ हुई।
संभल में कानून व्यवस्था कैसे सुधरी है?
योगी सरकार ने नए थाने और चौकियां स्थापित की हैं, और अपराधियों के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं।
संभल के आर्थिक विकास के बारे में क्या जानें?
संभल ने 2405 करोड़ रुपये के निर्यात के साथ प्रदेश में 10वें स्थान पर पहुंच गया है।
क्या यह परिक्रमा धार्मिक एकता का प्रतीक है?
जी हां, यह परिक्रमा धार्मिक एकता और सामाजिक सामंजस्य का प्रतीक है।