क्या कांग्रेसी नेताओं का बांग्लादेशी राष्ट्रगान गाने का मकसद घुसपैठियों को खुश करना है? : संबित पात्रा
सारांश
Key Takeaways
- कांग्रेस का बांग्लादेशी राष्ट्रगान गाना तुष्टिकरण की नीति का हिस्सा है।
- संबित पात्रा ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
- रवींद्रनाथ टैगोर का योगदान भारतीय और बांग्लादेशी राष्ट्रगान में महत्वपूर्ण है।
- मोदी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है।
- राजनीतिक विवादों को सही तथ्यों के आधार पर समझना आवश्यक है।
भुवनेश्वर, 30 अक्टूबर (राष्ट्र प्रेस)। भाजपा नेता और सांसद संबित पात्रा ने कांग्रेस पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति कर रही है।
भाजपा सांसद संबित पात्रा ने कहा कि असम के शिवसागर जिले में कांग्रेस पार्टी के सेवादल ने 27 अक्टूबर को कार्यसमिति की बैठक की। इस बैठक में क्षेत्र के वरिष्ठ कांग्रेस नेता बिधु भूषण दास मौजूद थे। मीडिया ने स्पष्ट रूप से दिखाया है कि कैसे बिधु भूषण दास ने इस बैठक की शुरुआत बांग्लादेश का राष्ट्रगान बजाकर की।
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी इस विषय को लेकर चिंतित है। हमें बांग्लादेश से कोई समस्या नहीं है। हर देश का अपना राष्ट्रगान होता है। भारत के महान व्यक्तित्व और नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर ने दोनों देशों के राष्ट्रगानों की रचना की थी। यह हमारे देश भारत के लिए गर्व की बात है कि ऐसे महान सपूत का जन्म यहाँ हुआ।
भाजपा सांसद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जिस तरह से घुसपैठियों को वैधता देने की कोशिश कर रही है, उसे हम सब देख सकते हैं। कांग्रेस पार्टी की बैठक में बांग्लादेश का राष्ट्रगान गाने का उद्देश्य असम या देश के अन्य हिस्सों में घुस आए घुसपैठियों को खुश करना और उनसे वोट बैंक बनाना है।
उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले एक प्रमुख पत्रकार ने दिखाया था कि राहुल गांधी ने कहा था कि हम मुसलमानों की पार्टी हैं। यह कांग्रेस पार्टी की तुष्टिकरण की नीति को दर्शाता है।
संबित पात्रा ने कहा कि मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ हमेशा कड़ा रुख अपनाया है। सरकार ने ऐसी प्रथाओं को रोकने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं, और इसमें उसे सफलता भी मिली है।