क्या संजय शिरसाट को आयकर का नोटिस मिलने से काले धन का भंडाफोड़ होगा?

सारांश
Key Takeaways
- संजय शिरसाट पर आयकर विभाग की जांच चल रही है।
- विपक्ष ने होटल सौदे में अनियमितता के आरोप लगाए हैं।
- इम्तियाज जलील ने इस मामले में कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
मुंबई, 10 जुलाई (राष्ट्र प्रेस)। महाराष्ट्र के समाज कल्याण मंत्री और शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक संजय शिरसाट की समस्याएँ बढ़ती जा रही हैं। आयकर विभाग ने उन्हें एक नोटिस भेजा है, जिसमें उनकी संपत्ति में हुई अप्रत्याशित वृद्धि की जानकारी मांगी गई है। यह नोटिस छत्रपति संभाजीनगर के विट्स होटल लिलाव प्रकरण से संबंधित बताया जा रहा है, जिसमें शिरसाट के बेटे सिद्धांत और पत्नी विजया की भागीदारी पर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं।
आरोप है कि 110 करोड़ रुपये की बाजार कीमत वाले होटल को शिरसाट के परिवार ने 67 करोड़ रुपये में खरीदा। इस सौदे को लेकर विपक्ष ने अनियमितता के गंभीर आरोप लगाए हैं। औरंगाबाद के पूर्व सांसद और एआईएमआईएम नेता इम्तियाज जलील ने इस मामले में तीखी प्रतिक्रिया दी है। जलील ने कहा, “देर आए, दुरुस्त आए। शिरसाट के खिलाफ इतने सबूत हैं कि आखिरकार आयकर विभाग हरकत में आया और नोटिस जारी किया। उनके 2019 के शपथपत्र में संपत्ति का ब्यौरा कुछ और था, जबकि 2024 में यह कई गुना बढ़ गया। मैं आयकर विभाग से कहना चाहता हूं कि 2024 और 2025 के बीच एक साल में 100 करोड़ की संपत्ति कैसे बनी, इसकी भी जांच हो। इससे उनके काले धन का पूरा पोल खुल जाएगा।”
उन्होंने आगे कहा कि सीए पास होने वाले छात्रों के लिए आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान संजय शिरसाट ने कबूल किया कि उन्हें नोटिस मिला है। उन्होंने इस कार्यक्रम में कहा कि काला धन खर्च करना अब बहुत मुश्किल हो गया है। पैसा कमाना आसान हो गया है, लेकिन उसे खर्च करना चुनौतीपूर्ण है। ऐसे में आप समझ सकते हैं कि उनके भाषा का स्तर क्या है। जिस तरह इनकम टैक्स ने संजय शिरसाट पर कार्रवाई की है, उसी तरह दूसरी भी जांच एजेंसियों को कार्रवाई करनी चाहिए।
वहीं आयकर विभाग से नोटिस मिलने पर मंत्री संजय शिरसाट ने कहा कि आयकर विभाग सबकी जांच करता है। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे और मुझे नोटिस मिले हैं। आयकर विभाग को जवाब देना ही होगा। मुझे 9 जुलाई तक जवाब देने को कहा गया था। मैंने समय मांगा है और हम जवाब देंगे। हम किसी भी जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं। यह कोई राजनीतिक मामला नहीं है और कोई हम पर दबाव बनाने की कोशिश नहीं कर रहा है। मैं यह नहीं कहूंगा कि शिवसेना को दबाया जा रहा है। अगर किसी को नोटिस मिलता है, तो इसका मतलब है कि एजेंसी अपना काम कर रही है।